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कर्नाटक में बन सकते त्रिशंकु हालात

ज्यादातर प्री-पोल सर्वे ने कर्नाटक में त्रिशंकु चुनावों की भविष्यवाणी की है. इस तरह की घोषणाओं से सत्ताधारी कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल बीजेपी भी परेशान है. दूसरी तरफ गौड़ा की जेडीएस जो तीसरे खिलाड़ी के तौर पर इन चुनावों में अपनी वापसी की संभावना तलाश रही है, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और बीजेपी सीएम उम्मीदवार येदियुरप्पा दोनों ही कर्नाटक चुनावों में त्रिशंकु स्थिति के बारे में चिन्तित है. एक टूटा-फूटा चुनावी नतीजा किसी को भी पूरी तरह सत्ता पर नियंत्रण नहीं बनाने देगा.
कांग्रेस और बीजेपी में भी यही चिंता है कि कोई अभी अकेले अपने दम पर आधा रास्ता भी तय करने की स्थिति में नहीं है. ऐसे में दूसरी पार्टियां भी इस तरह की राजनीतिक स्थिति का फायदा उठाने के लिए उम्मीदे जता रही है. राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो कर्नाटक में बनने वाली त्रिशंकु संभावनाएं सिद्धारमैया और येदियुरप्पा के दौर को खत्म कर देगी. और दूसरे दलों के नेताओं का उभर के सामने आने का रास्ता खुल जाएगा.

एक सीनियर कांग्रेस नेता ने कहा ” सिद्धारमैया और गौड़ा परिवार में निजी दुश्मनी है जिसने कांग्रेस और जेडीएस के संबंधों को प्रभावित किया था. सिद्धारमैया हमेशा से गौड़ा पर निशाना साधते रहे हैं यहां तक कि उन्होंने राहुल गांधी के चुनावी भाषण के जरिए भी गौड़ा पर निधाना साधा. हमें ये सब पसंद नहीं है, अगर त्रिशंकु की स्थिति बनती है तो हमें सपोर्ट के लिए जेडीएस के पास जाना ही होगा. जेडीएस भी इस बात का बहाना बनाकर हमारे बदले बीजेपी को समर्थन देने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाएगी.”
कई कांग्रेस नेताओं का मानना है कि पार्टी आलाकमान को चुनावों से पहले जेडीएस को अप्रोच कर ये आशवस्त करना चाहिए कि त्रिशंकु हालात में जेडीएस कांग्रेस का साथ दे. लेकिन सिद्धारमैया कैंप इस तरह के किसी भी कदम के विरोध में है और दावा कर रहा है कि हम अपने दम पर आधा रास्ता लगभग 113 सीटों तक पहुंच जाएंगे. उनका ये भी मानना है कि जेडीएस , बीजेपी की बी टीम है और त्रिशंकु हालात में जेडीएस बीजेपी के साथ ही जाएगी.

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