नई दिल्ली : कर्नाटक में विधानसभा चुनावों के करीब सात माह बाद फिर सत्ता का नाटक शुरू हो गया है। आज दो निर्दलीय विधायकों एच नागेश और आर शंकर ने सरकार से समर्थन वापस लिया है। हालांकि, सरकार गिरने जैसेे अभी कोई आसार नही हैं। गौरतलब है कि 224 विधायकों वाली कर्नाटक सरकार में बहुमत का आंकड़ा 113 है, जबकि कुमारस्वामी के पास अभी भी 117 विधायकों का समर्थन है। वहीं प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जदएस गठबंधन ने भाजपा पर ‘ऑपरेशन लोटस’ के तहत विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है। भाजपा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उलटा कांग्रेस-जदएस गठबंधन भाजपा विधायकों को लुभाने की कोशिश कर रहा है। लिहाजा पार्टी के सभी विधायकों को गुरुग्राम शिफ्ट कर दिया है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के 10 और जेडीएस के तीन विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। भाजपा की कोशिश है कि ये 13 विधायक जल्द से जल्द इस्तीफा दे दें। भाजपा अगले हफ्ते प्रदेश सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी ला सकती है। बताते चलें कि विधानसभा चुनावों में भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें हासिल हुई थीं और पार्टी नेता बीएस येद्दयुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली थी, लेकिन बाद में कांग्रेस और जेडीएस ने हाथ मिलाकर एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में सरकार बना ली थी। निर्दलीय विधायक आर शंकर ने कहा कि आज मकर संक्रांति है और इस दिन हम सरकार में परिवर्तन चाहते हैं, इसीलिए मैं सरकार से अपना समर्थन वापस ले रहा हूं। वहीं दूसरे निर्दलीय विधायक एच नागेश ने कहा कि गठबंधन सरकार को मेरा समर्थन अच्छी और स्थिर सरकार प्रदान करने के लिए था, जो पूरी तरह से विफल रहा।गठबंधन सहयोगियों के बीच तालमेल नहीं है। इसीलिए, मैंने मजबूत सरकार के लिए भाजपा के साथ जाने का फैसला किया है। इन सबके बीच महाराष्ट्र सरकार में मंत्री राम शिंदे का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने दावा किया है कि अगले दो-तीन दिनों में कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनेगी। शिंदे ने कहा कि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के पास बहुमत नहीं है। कर्नाटक में भाजपा के साथ न्याय नहीं हुआ था। भाजपा के पास बहुमत होने के बावजूद जेडीएस-कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। ताजा घटनाक्रम में कांग्रेस-जदएस के 13 विधायक बेंगलुरु से गायब हैं। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी का आरोप है कि भाजपा सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को लुभाने का प्रयास कर रही है, लेकिन गठबंधन का कोई भी विधायक पाला नहीं बदलेगा, लेकिन कांग्रेस के अंदर बेचैनी है।
दरअसल, कर्नाटक में कांग्रेस और जदएस ने मिलकर सरकार तो बना ली थी, लेकिन उनके पास बड़ा बहुमत नहीं है। ऐसे में अगर 13 विधायकों ने इस्तीफा दिया तो दिक्कत बढ़ जाएगी। रविवार को राज्य के जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने भी माना था कि तीन कांग्रेस विधायक मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं। इस बारे में जब उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर से पूछा गया तो उनका जवाब था, ‘उन्हें रहने दीजिए.. वे वहां क्यों गए हैं, कोई नहीं जानता। वे छुट्टियां मनाने गए होंगे या मंदिर दर्शन को गए होंगे या फिर नेताओं से मिलने गए होंगे।’ मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा है कि राज्य में कांग्रेस-जेडीएस सरकार की ‘अस्थिरता’ का सवाल ही नहीं है। उन्होंने उन रिपोर्टों को भी खारिज कर दिया जिनमें कहा गया है कि भाजपा उनकी सरकार गिराने के लिए ‘ऑपरेशन लोटस’ चला रही है। जब उनसे डीके शिवकुमार के उस दावे के बारे में पूछा गया कि कांग्रेस के तीन विधायक मुंबई में कुछ भाजपा नेताओं के साथ हैं, तो कुमारस्वामी ने कहा, ‘वे मेरे मित्र हैं। जो विधायक मुंबई में हैं या भाजपा के सभी 104 विधायक जो दिल्ली में हैं, सभी मेरे लोग हैं। इसलिए इस सरकार की अस्थिरता का सवाल ही नहीं उठता। (कांग्रेस) विधायक मेरी जानकारी के बाद मुंबई गए थे, वे मेरे साथ संपर्क में हैं।’
विधानसभा में दलीय स्थिति
कुल सीटें- 224
कांग्रेस- 80
जेडीएस- 37
बसपा- 01
केपीजेपी- 01
निर्दलीय- 01
भाजपा- 104
भाजपा अपने विधायकों को नजरों के सामने ही रखना चाहती है। राष्ट्रीय परिषद में हिस्सा लेने आए विधायक अभी भी एनसीआर में जमे हुए हैं। पार्टी के कर्नाटक अध्यक्ष बीएस येद्दयुरप्पा ने वेस्टर्न कोर्ट में उनकी बैठक ली। बाद में उन्हें गुरुग्राम शिफ्ट कर दिया गया।