अद्धयात्म

कलियुग में माता के इस मंदिर में तेल से नहीं पानी से जलते हैं दिए

क्या कभी अपने ऐसा कोई मंदिर देखा है जिसमे पानी से दिया जलता हो। जाहिर है ऐसा आप पहली बार सुन रहे होंगे की पानी से भी दिया जलता है। आप सोंचेंगे यह माता का चमत्कार है जो कि सच है, तो हम आपको बताते हैं इस चमत्कारी मंदिर (Gadiyaghat Mata Temple) की कहानी जो भारत के शानदार इलाके में है।

कलियुग में माता के इस मंदिर में तेल से नहीं पानी से जलते हैं दिएदरअसल आपने आज तक कई मंदिरों की कहानियां सुनी होंगी जहां भक्तों को अनोखे और अविश्वश्नीय चमत्कार देखने को मिलते होंगे। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर की कहानी बताने जा रहे हैं जहां पर माता की ज्योति घी से नहीं बल्कि पानी से जलती है। कालीसिंध नदी के किनारे एक ऐसा माता का मंदिर स्थित है जिसमे पानी से ज्योति जलती है। इस मंदिर को गड़ियाघाट वाली माता (Gadiyaghat Mata Temple) के नाम से जाना जाता है।

मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाले पुजारी ने बताया कि इस मंदिर में पहले हमेशा तेल का दीपक जला करता था। परंतु 6 साल पहले माता ने सपने में मुझे दर्शन दिए और कहा कि तुम अब पानी का दीपक जलाओ। माता का आदेश मानकर मैने पानी से दीपक जलाया जो कि जल उठा। तब से मां के चमत्कार से यह दीपक ज्यों का त्यों जल रहा है। ऐसे में मंदिर में पूजा करने वाले पुजारी की इन बातों के बात आप समझ गए होंगे की वाकई भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जहां माता की शक्ति देखने को मिलती है।

तो वहीं आपको बता दें कि, इस दीपक को जलाने के लिए कालीसिंध नदी से पानी लाया जाता है। इस मंदिर का यह दीपक सिर्फ बरसात के मौसम में नहीं जलता क्योंकि कालीसिंध नदी में जल का स्तर बढ़ जाने के कारण ये मंदिर पानी में डूब जाता है, जिसकी वजह से दीपक बंद हो जाता है। इसके बाद ज्योत को पुनः शारदीय नवरात्र के पहले दिन जला दिया जाता है, जो कि अगली बारिश तक जलता रहता है। यह मंदिर अपनी इस विशेषता के कारण बहुत प्रसिद्ध हो चुका है और यहां दूर-दूर से भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं। अगर आप भी इस चमत्कार को देखना चाहते हैं तो एक बार इस मंदिर में जाकर माता के दर्शन अवश्य करें।

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