कश्मीर पर पाकिस्तान की धमकी….
इस्लामाबाद : भारत दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी के पाकिस्तान और आतंकवाद पर दिए बयान से पाक बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अज़ीज़ ने जॉन कैरी के भारत में आतंकवाद को लेकर दिए बयानों पर टिप्पणी करते हुए कहा है जॉन कैरी जगह देख बात करने वालों में से हैं।
अमरीकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने कहा था कि पाकिस्तान को चरमपंथियों की पनाहगाहों को ध्वस्त करने के लिए और दबाव बनाने की ज़रूरत है। कैरी के इस बयान किए बाद सरताज अज़ीज़ ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री के बयानों से पाकिस्तान की कोई बदनामी नहीं हो रही है।
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सरताज अज़ीज़ ने कश्मीर राग अलापते हुए कहा कि अमरीका सहित दुनिया ने कश्मीर में होने वाली मानव अधिकारों के उल्लंघन की निंदा करने के बजाय उस पर केवल चिंता जताई है।
उन्होंने कहा, ”कश्मीर समस्या को दुनिया ने नहीं बल्कि कश्मीरियों को हल करना है और ‘जो लोग एक बार खून बहाने को तैयार हो जाएं उन्हें कोई नहीं दबा सकता।”
हाल ही में भारत और अमरीका के बीच एक महत्वपूर्ण सैन्य समझौता भी हुआ है जिसके तहत दोनों देश एक दूसरे के सैन्य साज़ो सामान कर सकेंगे।
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भारत और अमरीका के बढ़ते रिश्तों पर सरताज अज़ीज़ ने कहा, ”अमरीकी नीति का उद्देश्य चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकना है। ज़ाहिर है इसमें भारत अधिक फिट होता है। लेकिन यह धारणा पालना गलत है कि पाकिस्तान दुनिया में अकेला पड़ता जा रहा है।
अज़ीज़ ने पाकिस्तान की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि अमरीका के साथ दुनिया जानती है कि पिछले तीन वर्षों में पाकिस्तान ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ काम किया, लेकिन भारत चाहता है कि पाकिस्तान को इसका श्रेय न मिले।
जॉन कैरी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ और पाक सेना प्रमुख को सलाह दी थी पाकिस्तान चरमपंथी संगठनों को पनाह देना बंद करे।
भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिल्ली में जॉन कैरी से मुलाकात के बाद कहा था कि पाकिस्तान को लश्करे तैयबा, जैश ए मोहम्मद और दाऊद कंपनी को सुरक्षित ठिकाने मुहैया कराना बंद करना चाहिए।
सरताज अज़ीज़ ने सफाई देते हुए कहा कि जमात-उद-दावा के बारे में संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को लागू किया जा रहा है। हाफिज़ सईद, ज़की उर रहमान लख़वी पर प्रतिबंध है, उनके खाते और फंड जुटाने पर प्रतिबंध है।
उनका कहना था कि आज दुनिया जिस तरह से पंक्तिबद्ध हो रही है उसमें पाकिस्तान सही जगह खड़ा है और उसके चीन, रूस और मध्य पूर्व के देशों से अच्छे संबंध हैं।
दूसरी ओर चीन, रूस और अन्य क्षेत्रीय देशों ने शंघाई गठबंधन बनाया है और पाकिस्तान भी क्षेत्रीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए इन देशों से संबंध सुधार की नीति के साथ साथ अमरीका से भी अपने रिश्ते को बनाए रखना चाहता है क्योंकि पाकिस्तान तो 40 वर्षों से अमरीका का सहयोगी रहा है।