दस्तक टाइम्स/एजेंसी-
जम्मू कश्मीर : कश्मीर घाटी में आतंकियों द्वारा घुसपैठ की कोशिश के आशंका के चलते खुफिया जानकारी के बाद नियंत्रण रेखा (एल.ओ.सी.) पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पिछले आठ सप्ताहों से कुपवाड़ा जिला में आतंकी गतिविधियों से घुसपैठ में वृद्धि के सुझाव दे रहे है। विभिन्न एजेंसियों से इकट्ठा की गई खुफिया जानकारी के गहन विश्लेषण से संकेत मिलता है कि कुपवाड़ा के ऊंचे इलाकों में लगभग 25 आतंकी घुस गए है और घाटी में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे। कुपवाड़ा की ऊंचाई पर स्थित मनीगाह जंगलोंं में मुठभेड़ जो चौथे सप्ताह में दाखिल हो गया, दौरान आतंकियों और सेना के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी का अनुभव किया जा रहा है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि लश्कर-ए-तोयबा के लगभग 10 आतंकी एल.ओ.सी. पर शम्सबरी रेंज को पार करके मनीगाह जंगलों में पहुंच गए है, और स्थानीय लोगों के साथ मिलने से पहले खानाबदोशों के अस्थायी आवास में शरण ली थी।इस बीच कुपवाड़ा जिले में आतंकवादियों के खिलाफ चल रहा अभियान आज 17वें दिन में प्रवेश कर गया और सुरक्षाबल आतंकवादियों से निपटते हुए नुकसान से बचने के लिए सावधानीपूर्वक आगे बढ़ रहे हैं। इस अभियान में सेना के एक अधिकारी की मौत हो गयी थी जबकि एक अन्य घायल हो गए थे।कर्नल संतोष महादिक 17 नवंबर को शहीद हो गए थे। इस अभियान में एक अन्य अधिकारी तथा तीन अन्य सैन्यकर्मी घायल हो गए। अभियान में एक अज्ञात आतंकवादी भी मारा गया है।अधिकारी ने कहा कि सुरक्षाबलों ने क्षेत्र के लोगों को नुकसान की आशंका को देखते हुए कई बार आतंकवादियों को भागने का मौका दिया है। यह पूछे जाने पर कि किस प्रकार आतंकवादी इतने लंबे समय से बने हुए हैं, अधिकारी ने कहा कि उन्हें पड़ोसी गांवों से मदद मिल रही है।उन्होंने कहा कि आसपास के गांवों से उन्हें कुछ मदद मिल रही है और इसी कारण जब कभी वे अंदर आते हैं, हमें सूचना मिलती है। जनरल आफि सर कमाडिंग ने कहा कि सेना कुपवाड़ा आपरेशन तथा अन्य अभियानों में निगरानी के लिए हथियाररहित यूएवी का उपयोग कर रही है।