एजेंसी /श्रीनगर। सुरक्षाबलों की रणनीति व कड़ी चौकसी काम आई और आतंकी बुरहान की मौत के खिलाफ पाकिस्तान के ब्लैक डे के एलान का बुधवार को कश्मीर में कहीं कोई खास असर नजर नहीं आया। अलगाववादियों की काले झंडे लहराने और रात साढ़े आठ से नौ बजे तक बिजली बंद कर विरोध जताने की अपील भी बेकार गई।
कुछ जगहों पर जरूर अलगाववादी समर्थकों ने काले झंडे लेकर जुलूस निकालने का प्रयास किया। इससे हताश अलगाववादियों ने 25 तक बंद बढ़ाते हुए नया हड़ताली कैलेंडर जारी कर दिया है। साथ ही सोमवार को अनंतनाग चलो की काल भी दी है।
अलबत्ता, कश्मीर में बुधवार को लगातार 12वें दिन हिसक प्रदर्शनों, बंद और प्रशासनिक पाबंदियों से सामान्य जनजीवन ठप रहा। वहीं झड़पों में करीब 12 लोग घायल हो गए। इस बीच, गत दिनों हिसक प्रदर्शनों के दौरान घायल हुए कुपवाड़ा के एक व्यक्ति ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
इसके साथ ही वादी में जारी हिसाचक्र में मारे गए लोगों की संख्या 49 हो गई है। वहीं कश्मीर में हालात सामान्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की ओर से वीरवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का नेशनल कांफ्रेंस ने बहिष्कार का एलान कर दिया है।
ब्लैक डे को देखते हुए कश्मीर में सुरक्षा के बेहद कड़े प्रबंध किए गए थे। इसके साथ गिलानी और मीरवाइज समेत सभी प्रमुख अलगाववादी नेता अपने घरों में नजरबंद रहे। इस दौरान सोपोर, बारामुला, अल्सटेंग, गांदरबल, खन्नाबल, काजीगुंड, पुलवामा और कुपवाड़ा, बांडीपोर व श्रीनगर के डाउन-टाउन व बटमालू में हिसक प्रदर्शन हुए।
इन्हीं इलाकों में कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे लेकर भारत विरोधी नारेबाजी करते हुए जुलूस भी निकाले। कुछेक जगहों पर पाकिस्तानी झंडे भी देखे गए, लेकिन उनकी पुष्टि नहीं हुई है। कुछ बाजारों व दुकानों में काले झंडे भी टंगे हुए थे।
काजीगुंड में हिसक भीड़ ने रेलवे स्टेशन और हाईवे पर आकर हंगामा करना चाहा। उन्होंने वहां तैनात सीआरपीएफ कर्मियों पर जमकर पथराव भी किया। उन्हें खदेड़ने के लिए जवानों ने भी हवाई फायरिंग की। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिसक झड़पों में सात लोग जख्मी हो गए।
देर रात जिला पुलवामा में हिसा में तीन लोग घायल हो गए। इसके अलावा श्रीनगर के छनपोरा में भी ने सुरक्षाबलों की चौकी पर जमकर पथराव किया। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि बुधवार को पूरी वादी में हालात पहले से बेहतर रहे हैं। कुछ एक इलाकों में हुई छिटपुट हिसा के अलावा स्थिति कमोबेश पूरी तरह शांत रही है।
अलगाववादियों ने बंद बढ़ाया
कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी, उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक ने दोपहर बाद संयुक्त बयान जारी कर बंद और हड़ताल को 25 जुलाई तक बढ़ा दिया है।
उन्होंने 21 जुलाई को दोपहर दो बजे तक पूर्ण बंद रखने के बाद देर शाम तक दुकानें खुली रखने को कहा है। 22 जुलाई को कश्मीर दिवस पर बंद रखें। शनिवार 23 जून को बंद रखते हुए मगरिब की नमाज के बाद सभी मस्जिदों में भारत विरोधी नारेबाजी करने, 24 जुलाई को भी बंद व शाम को पूर्ण ब्लैक आउट और 25 जुलाई सोमवार को पूर्ण हड़ताल के साथ 12 दिनों में मारे गए लोगों को श्रद्घांजलि देने व गायबना नमाज ए जनाजा अदा करें।