कश्मीर में बजीं फोन की घंटियां, इंटरनेट सेवा बहाल
श्रीनगर : अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में लगाई गईं पाबंदियों में अब धीरे-धीरे ढील देनी शुरू हो गई है. घाटी में शांति-व्यवस्था बनाए रखने के मकसद से टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं रोक दी गईं थीं. हालांकि पिछले 12 दिनों से लगी रोक के बाद कश्मीर घाटी में एक बार फिर से टेलीफोन की घंटियां बजने लगी हैं. वहीं जम्मू के पांच जिलों में टू जी इंटरनेट को भी शुरू कर दिया गया है. 100 से अधिक टेलीफोन एक्सचेंज में से 17 को बहाल कर दिया गया. ये एक्सचेंज अधिकतर सिविल लाइन्स क्षेत्र, छावनी क्षेत्र, श्रीनगर जिले के हवाई अड्डे के पास हैं. मध्य कश्मीर में बडगाम, सोनमर्ग और मनिगम में लैंडलाइन सेवाएं बहाल की गई हैं. वहीं उत्तर कश्मीर में गुरेज, तंगमार्ग, उरी केरन करनाह और तंगधार इलाकों में सेवाएं बहाल हुई हैं, जबकि दक्षिण कश्मीर में काजीगुंड और पहलगाम इलाकों में सेवाएं बहाल की गई हैं. जम्मू संभाग के जम्मू, रियासी, सांबा, कठुआ और उधमपुर जिलों में 2G इंटरनेट सेवा दोबारा शुरू कर दी गई है. इससे पहले जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को चरणबद्ध और व्यवस्थित तरीके से पाबंदियों में ढील देने की घोषणा की थी.
जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि कश्मीर में ज्यादातर फोन लाइनें इस हफ्ते के अंत तक बहाल कर दी जाएंगी और विद्यालय क्षेत्रवार तरीके से अगले हफ्ते खुल जाएंगे. उन्होंने कहा कि घाटी में शुक्रवार को राज्य सरकार के कार्यालयों में सामान्य ढंग से कामकाज हुआ और कई कार्यालयों में तो उपस्थिति बेहद अच्छी रही. उन्होंने कहा कि पांच अगस्त को जब पाबंदियां लगाई गई थी तब से न किसी की जान गई है और न ही कोई घायल हुआ है. बीते 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को निरस्त कर दिया गया था और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया गया था. उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में पाबंदियों में व्यवस्थित तरीके से ढील दी जाएगी. जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा कि हमारी कोशिश है कि हम पूरे राज्य से धीरे-धीरे इस पाबंदी को पूरी तरह से खत्म कर दें. इस दौरान आतंकवादी संगठनों द्वारा आतंकी गतिविधियों को संगठित करने में मोबाइल कनेक्टिविटी के इस्तेमाल से उत्पन्न निरंतर खतरे को ध्यान में रखा जाएगा. इससे पहले शुक्रवार सुबह राजधानी में सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि लोगों को जम्मू कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों पर भरोसा करना चाहिए.