कश्मीर हिंसा पर अमेरिका की दो टूक, पाक को दी नसीहत
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में मारे गए आतंकी और हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की मौत को लेकर पाकिस्तान द्वारा भारत पर शब्द बाण चलाए गए। मगर इस मामले में पाकिस्तान को ही अमेरिका की दो टूक सुनना पड़ी है। इस मामले में अमेरिका ने इस मामले को भारत का आंतरिक मामला कहा है। तो दूसरी ओर यह भी कहा है कि इस तरह के मसलों का हल शांतिपूर्ण तरीके से निकालने का प्रयास होना चाहिए।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इस मामले में कहा कि कश्मीर घाटी में हो रही हिंसा से वे परेशान हैं। उन्होंने इस पूरे तनाव के शांतिपूर्ण हल पर बल दिया। इतना ही नहीं अमेरिका ने इस मसले पर भारत से चर्चा नहीं होने का हवाला दिया और कहा कि यह तो भारत का आंतरिक मामला है। इसमें किसी और देश को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कश्मीर में हुई हिंसा को लेकर बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि वे बुरहान वानी के मारे जाने से सदमे में हैं।
उन्होंने कहा कि कश्मीर के मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय फोरम पर उठाने की आवश्यकता है। इतना ही नहीं इस मौत को लेकर पाकिस्तान ने भारत के उच्चायुक्त गौतम बांबवाले को हाजिर होने को कहा। इतना ही नहीं पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज अहमद चैधरी न बुरहान वानी के मारे जाने पर चिंता जताई। गौरतलब है कि हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर और 22 वर्ष के वानी को सुरक्षा बलों ने कश्मीर में मार दिया।
इस तरह की घटना के बाद से ही घाटी में हिंसा का माहौल है। पाकिस्तान द्वारा इस आतंकी की मौत का समर्थन करने से यह बात साफ हो गई है कि वह कश्मीर और अन्य स्थानों पर भारत के विरूच आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में लगा है।
उल्लेखनीय है कि भारत मुंबई में हुए 26/11 के आतंकी हमले और पठानकोट में हुए हमले के सबूत पाकिस्तान को दे चुका है और इन हमलों में पाकिस्तान प्रेरित आतंकवाद की सक्रियता स्पष्ट हो चुकी है लेकिन इसके बाद भी पाकिस्तान आतंकवाद को प्रेरणा देने के आरोपों को स्वीकार नहीं कर रहा है।