कस्टमर को गुमराह कर रहा है टाटा स्काई! TRAI ने मांगी रिपोर्ट
अगर आप DTH ऑपरेटर टाटा स्काई के कस्टमर हैं तो आपके लिए यह खबर बेहद जरूरी है. दरअसल, टाटा स्काई पर अपने कस्टमर्स को गुमराह करने के आरोप लगे हैं. इस शिकायत के बाद भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने टाटा स्काई से स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है. बता दें कि ट्राई ने कस्टमर्स को नई नियामक व्यवस्था के तहत चैनल चुनने के लिए 31 जनवरी तक का समय दिया है.नए नियमों के तहत दर्शक सिर्फ उन चैनलों का चयन कर सकते हैं और भुगतान कर सकते हैं जो वे देखना चाहते हैं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक ट्राई ने टाटा स्काई को पत्र लिखा है. इस पत्र में कहा गया है- कस्टमर्स से बड़ी संख्या में शिकायतें मिली हैं कि कंपनी ने नई नियामकीय रूपरेखा के तहत अपनी प्रणाली में कस्टमर्स को विकल्प का प्रावधान नहीं किया है. इसके अलावा कस्टमर्स को टाटा स्काई के ग्राहक सेवा केंद्र भी गुमराह कर रहे हैं. इन केंद्रों पर कहा जा रहा है कि ट्राई ने नई नियामकीय व्यवस्था के क्रियान्वयन की तारीख बढ़ा दी है. ट्राई ने कहा कि यह सूचना पूरी तरह गलत है. ट्राई के मुताबिक उसने कस्टमर्स को टीवी चैनल चुनने के लिए 31 जनवरी, 2019 तक का समय दिया है. जानकारी के लिए बता दें कि यह नए नियम 29 दिसंबर से लागू होने वाले थे लेकिन प्रसारकों और डीटीएच ऑपरेटर्स के अनुरोध के बाद ट्राई ने इसे 31 जनवरी तक बढ़ाने का फैसला किया.
क्या है नया नियम
ट्राई के नए नियम के तहत कस्टमर अपने डीटीएच ऑपरेट को सिर्फ उतना ही पैसा देंगे जितने चैनल देखना चाहते हैं. अभी तक ये होता रहा है कि कस्टमर 250 से 300 रुपये तक के मासिक प्लान रिचार्ज कराते थे. इस मासिक प्लान में आपकी पसंद के चैनल तो होते थे लेकिन वो चैनल भी होते थे जिन्हें कस्टमर कभी देखते नहीं थे. वहीं कस्टमर को अपने कई पसंदीदा चैनल देखने के लिए अतिरिक्त कीमत चुकानी पड़ती है. यानि ट्राई के नए नियम लागू होने के बाद कस्टमर पर डीटीएच ऑपरेटर चैनल नहीं थोप सकेंगे. आसान भाषा में समझें तो यूजर्स को उन्हीं चैनल के लिए भुगतान करना होगा, जिन्हें वो देखना चाहते हैं. ट्राई के इस नए नियम के तहत डीटीएच ऑपरेटर को सभी चैनल अलग- अलग या किसी एक बुके में देने होंगे. इसके साथ ही यूजर को टीवी स्क्रीन पर प्रत्येक चैनल की कीमत भी बताई जाएगी.
ट्राई की नई व्यवस्था के तहत कस्टमर को सेवाओं का इस्तेमाल करने के लिए एक नेटवर्क क्षमता शुल्क 130 रुपये + जीएसटी देना होगा. यह कस्टमर को दिए जाने वाले 100 चैनलों का शुल्क है. इन 100 चैनल में टीवी ऑपरेटर्स को प्रसार भारती के 24 चैनल्स को अनिवार्य रूप से रखना होगा. वहीं अगर कोई कस्टमर 100 से अधिक चैनल सब्सक्राइव करना चाहता है तो उसे 20 से 25 रुपये प्रति चैनल एक्सट्रा चार्ज के रूप में भुगतान करने होंगे.