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कहां हुई थी नरेंद्र मोदी और अमित शाह की पहली मुलाकात!

आज है भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का जन्मदिन


नई दिल्ली : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का आज जन्‍मदिन है। 22 अक्‍टूबर, 1964 को जन्‍मे अमित शाह जब 14 साल के थे, तभी वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़कर उनकी शाखाओं में जाने लगे थे। बताया जाता है कि उसी कड़ी में 1982 के आस-पास अहमदाबाद की नारणपुरा शाखा में उनकी पहली मुलाकात नरेंद्र मोदी से हुई थी, उस वक्‍त नरेंद्र मोदी ‘संघ’ के प्रचारक थे और तब तक अपनी कुछ पैठ बना चुके थे। 1983 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्‍यता ग्रहण करने के साथ ही अमित शाह ने सियासी दुनिया में कदम रखा। 1986 में उन्‍होंने बीजेपी ज्‍वाइन की, उसी दौरान नरेंद्र मोदी को भी संघ से बीजेपी में भेजा गया, इस तरह ये दोनों राजनेता लगभग एक ही दौर में बीजेपी में आए। गुजरात के सियासी गलियारों में एक बहुत मशहूर किस्‍सा प्रचलित है। कहा जाता है कि 1990 में अहमदाबाद के रेलवे स्‍टेशन के पास एक रेस्‍टोरेंट में नरेंद्र मोदी और अमित शाह बैठे हुए थे, उस वक्‍त ही अमित शाह ने चर्चा के दौरान भविष्‍यवाणी करते हुए कहा था कि नरेंद्र भाई आप देश का प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार हो जाइए। उन्‍होंने अपने राजनीतिक आकलन, सांगठनिक क्षमता के आधार पर ये बात कही थी, ये बात इसलिए बेहद महत्‍वपूर्ण मानी जाती है क्‍योंकि उस वक्‍त नरेंद्र मोदी, गुजरात के मुख्‍यमंत्री भी नहीं बने थे और केंद्र की राजनीति में बीजेपी बहुत बड़ी ताकत नहीं थी। अमित शाह बिजनेसमैन परिवार से ताल्‍लुक रखते हैं, उनका पैतृक घर अहमदाबाद के मानसा इलाके में है। यह हेरिटेज बिल्डिंग में शुमार है, उनके पिता का पीवीसी पाइप का बिजनेस था। अमित शाह अपनी मां के बेहद करीब थे, उनकी मां कुसुम बा गांधीवादी थीं। उन्‍होंने ही बेटे को खादी पहनने को प्रेरित किया, 2010 में मां का निधन हुआ।आमतौर पर ज्‍यादा सोशल नहीं होने वाले अमित शाह कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद स्‍थापित रखने में यकीन करते हैं। वह बाकायदा नाम लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हैं। इससे उनके कार्यकर्ताओं से जुड़ाव का पता चलता है। कहा जाता है कि पार्टी अध्‍यक्ष बनने से पहले वह खुद ही फोन उठाते थे और उनका पहला स्‍वर होता था-हां, अमित बोल रहा हूं। अमित शाह पूर्णतया शाकाहारी हैं। ज्‍योतिषी में यकीन रखते हैं। यह भी कहा जाता है कि वह और उनकी पत्‍नी सोनल, भगवान सोमनाथ (शिव) के भक्‍त हैं। अमित शाह सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट में भी शामिल हैं, इसे वह ईश्‍वर की कृपा मानते हैं। पार्टी अध्‍यक्ष की हैसियत से अमित शाह के दौर में माना जा रहा है कि बीजेपी अपने स्‍वर्णिम दौर में प्रवेश कर चुकी है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि पार्टी की केंद्र के अलावा अपने दम या सहयोगियों के बूते 21 राज्‍यों में सरकारें हैं, इसकी तुलना यदि कांग्रेस के स्‍वर्णिम दौर से यदि की जाए तो एक दौर में कांग्रेस की अधिकतम 18 राज्‍यों में सरकारें थीं।

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