दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी की बागी विधायक अलका लांबा अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस में वापसी कर सकती हैं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से काफी दिनों से नाराज चल रहीं अलका लांबा ने मंगलवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि हो सकता है कि एक-दो दिनों में अलका लांबा विधिवत कांग्रेस ज्वाइन कर लें। इसका इशारा वह कई महीनों से दे रही है। यह अलग बात है कि बीच में उन्होंने चांदनी चौक सीट से ही निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने का एलान किया था।
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुतािबक, चांदनी चौक से AAP विधायक अलका लांबा मंगलवार दोपहर सोनिया गांधी के निवास 10 जनपथ पर पहुंचीं और उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष से मुलाकात की। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अलका लांबा वापसी करते हुए दोबारा कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर सकती हैं।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी से बगावत कर चुकीं दिल्ली की चांदनी चौक विधानसभा से AAP विधायक अल्का लांबा लंबे समय से सीएम अरविंद केजरीवाल समेत AAP के ज्यादातर नेताओं पर हमलावर हैं। दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में चुनावों से ठीक पहले अल्का लांबा कांग्रेस पार्टी का दामन थाम सकती हैं। कांग्रेस को भी ऐसे तेज तर्रार नेता की दरकार है।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले अल्का लांबा कांग्रेस पार्टी की सक्रिय सदस्य रह चुकी हैं। 90 के दशक में अलका लांबा कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) की नेता के तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) में छात्र इकाई के अध्यक्ष पद का चुनाव जीत चुकी हैं।
यहां पर बता दें कि इसी साल मार्च महीने में चांदनी चौक सीट से विधायक अलका लांबा ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी से दोबारा जुड़ना उनके लिए सम्मान की बात होगी। हालांकि, तब अलका लांबा ने कहा था कि उन्हें कांग्रेस की ओर से अभी कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।
वहीं, अलका लांबा ने यह भी कहा था- ‘मुझे कांग्रेस की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं मिला। 25 साल के राजनीतिक करियर में मैंने 20 साल कांग्रेस को दिए हैं। जब दिल्ली में केवल भाजपा और कांग्रेस में लड़ाई होती थी, तब 15 साल तक लोगों ने भाजपा की सरकार नहीं बनने दी। लोगों ने भाजपा को हराने के लिए एक बार फिर विकल्प देखा और अरविंद केजरीवाल ने वह किया। अब बात देश की है। मैंने देखा है कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कितना अच्छा काम किया है। कांग्रेस लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है, इसलिए पार्टी को मजबूती देने के लिए हमें आगे आना चाहिए।
इससे भी पहले पिछले महीने यानी अगस्त महीने की शुरुआत में आम आदमी पार्टी (आप) से नाराज चल रहीं चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा ने पार्टी से इस्तीफा देने का एलान किया था। अलका लांबा ने अपने विधानसभा क्षेत्र में रायशुमारी के बाद आप छोड़ने का फैसला किया था। तब आगे के रुख पर उन्होंने कहा था कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी। अलका लांबा दिसंबर 2018 से आम आदमी पार्टी से नाराज चल रही हैं, जब AAP के एक विधायक ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिया गया ‘भारत रत्न’ वापस लेने की मांग वाला एक प्रस्ताव विधानसभा में रखा था।
हालात खराब होने के अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तब अलका लांबा ने दावा किया था कि अरविंद केजरीवाल से जब बात की तो केजरीवाल ने मुझे पार्टी छोड़ने के लिए कहा। इसके बाद लोकसभा चुनाव के दौरान भी अलका लांबा और आप नेता सौरभ भारद्वाज आमने-सामने आ गए थे। तब अलका लांबा ने कांग्रेस में जाने की इच्छा जताई थी।