भाजपा लगभग एक वर्ष से आरटीआई से सूचनाएं एकत्रित करने की एक्सरसाइज कर रही है। अजेंद्र अजय सहित कुछ नेता इसपर काम कर रहे हैं।
सीएम आवास पर चाय नाश्ते के करोड़ों के बिल से पार्टी शुरूआत भी कर चुकी है, लेकिन अब सियासत चरम पर पहुंच गई है। आरटीआई की इस रणनीति से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ने की उम्मीद भाजपा लगा रही है।
आरटीआई से इतर भी जुटाए दस्तावेजों पर पार्टी काम रही है, जिसमें सीएम की घोषणाएं, लांच की योजनाओं और टेंडर प्रक्रिया से संबंधित मामले हैं। युवाओं को ध्यान में रखकर नियुक्तियों और रोजगार से संबंधित मामलों पर भी पार्टी हमला करेगी।
भाजपा की सीनियर लीडरशिप कई मंचों से इसका खंडन करती रही है, लेकिन अब आरटीआई के माध्यम के एकत्रित जानकारियों को भी रखा जाएगा। अर्द्धकुंभ को लेकर कांग्रेस सरकार केंद्र पर पर्याप्त फंड नहीं देने का आरोप लगाती रही है।
भाजपा ने अर्द्धकुंभ मेला 2016 में केंद्र से विभिन्न निर्माणों के लिए जो आरटीआई में जानकारी मांगी है। इसी तरह केंद्र से पुनर्निर्माण के लिए मिले फंड, केंद्र पोषित योजनाएं जैसे योजनाओं के तथ्य भी जुटाए जा रहे हैं।
केंद्र से निर्माण के लिए मिले फंड पर भाजपा अनियमितताओं के आरोप लगाती रही है। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के फंड के उपयोग को लेकर भी भाजपा ने टारगेट पर रखा है। इसी के साथ केदारनाथ धाम के प्रचार प्रसार के लिए बनाई फिल्म अथवा टीवी सीरियल पर खर्च को लेकर खुलासे हो सकते हैं।