भोपाल : मध्य प्रदेश में कांग्रेस के बागी सिंधिया समर्थक विधायकों ने दिग्विजय सिंह से मिलने से इंकार कर दिया है. विधायकों के वीडियो सोशल मीडिया पर रिलीज हुए हैं जिसमें वो साफ कह रहे हैं कि दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस का बंटाधार कर दिया. हम उनकी वजह से भागकर यहां आए हैं. हमें दिग्विजय सिंह से नहीं मिलना. दिग्विजय सिंह इन विधायकों से मिलने बेंगलुरु गए हैं, जहां पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था. हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया. इस बीच कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जा चुके बिसाहूलाल सिंह ने कर्नाटक डीजीपी को पत्र लिखकर अपनी सुरक्षा की मांग की है. बेंगलुरु में रह रहे सिंधिया समर्थक कांग्रेस के बागी विधायकों के एक साथ अलग-अलग वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इसमें सभी विधायक अलग-अलग तरीके से अपनी बात रख रहे हैं. लेकिन सबका एक ही संदेश है कि हम अपनी मर्ज़ी से यहां आए हैं और हमें दिग्विजय सिंह से नहीं मिलना. हाट पिपल्या से विधायक मनोज चौधरी इस वीडियो में कह रहे हैं कि वो अपनी मर्जी से यहां आए हैं. वो दिग्विजय सिंह से मिलने के लिए तैयार हैं. लेकिन उससे पहले दिग्विजय सिंह उनके निर्वाचन क्षेत्र की तमाम सड़कों को देखकर आएं. उन किसानों से मिलकर आएं जिन पर झूठे केस लाद दिए गए हैं. अनूपपुर से विधायक बिसाहूलाल कह रहे हैं कि मैं 40 साल से दिग्विजय सिंह को अपना नेता मानते आ रहा हूं.
पार्टी में वरिष्ठ होने के नाते मैं मंत्री पद का स्वाभाविक दावेदार था. लेकिन दिग्विजय सिंह के भाई-भतीजावाद के कारण मुझे मंत्री नहीं बनाया गया. वो अपने बयान में राहुल गांधी तक का हवाला दे रहे हैं. इसी तरह एक वीडियो में विधायक कमलेश का कहना है- हम लोग स्वेच्छा से आए हैं. स्वेच्छा से जाएंगे. कांग्रेस के बड़े नेता आए हैं. लेकिन अब ये फालतू क्यों परेशान हो रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि ये नेता क्षेत्र की जनता का कोई काम नहीं कर रहे थे. इसलिए अब ये वापस चले जाएं. कांग्रेस के अन्य बागी विधायक सुरेश धाकड़ बोले- मैं अपनी मर्जी से यहां आया और अपना इस्तीफा भेजा. दिग्गी यहां आए हैं, लेकिन इन्हीं की वजह से कांग्रेस की नैया डूबी है. हम इनसे नहीं मिलना चाहते.