आनंद शर्मा ने कहा कि वित्त मंत्री झूठ बोल रहे हैं। वह कह रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था का बुनियादी ढांचा मजबूत है। यह सरासर गलत है। दूसरा, उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। आनंद शर्मा ने कहा कि वित्त मंत्री का यह कथन तथ्यात्मक रूप से गलत है। पिछली छह तिमाही से देश की जीडीपी लगातार घट रही है।
पिछली तिमाही के अनुसार 5.7 फीसदी का अनुमान व्यक्त किया गया, जबकि यह नई मेथडॉलॉजी पर आधारित है। यदि पुराने हिसाब से गणना की जाए तो यह 3.7-4 फीसदी की होगी। शर्मा कहते हैं कि चीन की अर्थव्यवस्था भारत से पांच गुना बड़ी है और 6.9 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रही है, इसलिए भारत के वित्त मंत्री को सोचकर, शब्द तौलकर मुंह खोलना चाहिए।
मायाजाल में फंसा रहे हैं जेटली
सरकार के अधिकारियों, आर्थिक सलाहकार आदि की टीम को लेकर देश के वित्तमंत्री जनता को मायाजाल में फंसा रहे हैं। आनंद शर्मा ने कहा कि वह हकीकत पर पर्दा डालकर देश को गुमराह कर रहे हैं। सात लाख करोड़ के हाईवे प्रोजेक्ट को वे ऐसा दिखा रहे हैं, जैसे इसे मौजूदा सरकार ने किया है।
अर्थव्यवस्था की हालत ठीक नहीं
आनंद शर्मा के अनुसार देश की अर्थव्यवस्था की हालत ठीक नहीं है। निवेश का अनुकूल माहौल नहीं है। उत्पादन गिरा है, रोजगार की दशा बेहद खराब है, बाजार में पैसा नहीं है, जीडीपी छह तिमाही से लगातार गिर रही है।
असंगठित क्षेत्र में रोजगार का असर 33 प्रतिशत की दर से नीचे गिरा है। 47 प्रतिशत जीडीपी का कर्जा है। साढ़े सात लाख करोड़ का एनपीए का आंकड़ा है। यह सही है कि इसी के साथ 400 बिलियन डॉलर का विदेशी भंडार है, लेकिन सरकार के मुद्रा विमुद्रीकरण और उसके बाद अव्यावहारिक तरीके से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू करने के फैसले ने देश को बहुत बड़ा आर्थिक आघात पहुंचाया है।