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कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष भूपेश पर केस, अफसरों के नाम गायब
रायपुर.प्रदेश कांग्रेस कमेटी भूपेश बघेल के खिलाफ ईआेडब्लू में दर्ज एफआईआर में साडा के अफसरों और कर्मचारियों का नाम गायब है। एफआईआर में भूपेश और उनकी पत्नी के अलावा मां के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। जमीन आवंटन के दौरान नियमों में छेड़छाड़ करने वाले अफसरों-कर्मचारियों के नाम एफआईआर में नहीं है। ईओडब्लू की एफआईआर में केवल तत्कालीन अधिकारी-कर्मचारी और पदाधिकारी लिखकर छोड़ दिया गया है।
ईओडब्लू की ओर से दर्ज कराई एफआईआर हालांकि उजागर नहीं की गई है। उसे गोपनीय रखा जा रहा है। ईओडब्लू ने एफआईआर भी 2 मई को दर्ज कर ली गई थी, लेकिन 8 मई को इसे सार्वजनिक किया गया। भास्कर की पड़ताल में पता चला है कि एफआईआर में साडा के तत्कालीन अफसरों और कर्मचारियों के अलावा अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों का नाम लिखने में परहेज किया गया है। कानून के जानकारों का दावा है कि जिसके लिए भ्रष्टाचार किया गया, उसके पहले कागजों में हेरफेर करने वालों को आरोपी बनाया जाना चाहिए। अफसरों और कर्मचारियाें के खिलाफ नामजद रिपोर्ट क्यों नहीं? इस बारे में ईओडब्लू के आला अफसरों ने चुप्पी साध ली है। उनका कहना है कि जांच के बाद एक-एक के नाम दर्ज किए जाएंगे।
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केस कलेक्टर की रिपोर्ट पर
ईओडब्लू ने दुर्ग कलेक्टर की एक रिपोर्ट के आधार पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। यह रिपोर्ट शासन स्तर पर ईओडब्लू को भेजी गई थी। दुर्ग कलेक्टर ने जांच के बाद रिपोर्ट सीधे शासन को भेजी थी। शासन से जो चिट्ठी ईओडब्लू को भेजी गई है, उसमें कांग्रेस के निलंबित विधायक आरके राय, पूर्व मंत्री विधान मित्रा सहित कुछ अन्य लोगों की शिकायतें हैं।