उन्होंने कहा कि जब देश शहीदों के टुकड़े चुन रहा था, तब प्रधानमंत्री नौका विहार कर रहे थे। उन्होंने सवाल उठाया कि 44 जवानों की शहादत के बाद क्या देश में एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं हो सकता था?
उन्होंने अखबार की कटिंग और तस्वीरें दिखाते हुए आरोप लगाया कि हमले के बाद भी प्रधानमंत्री की सभाएं नहीं रुकीं, चुनाव प्रचार नहीं रुका। उन्होंने कहा कि जिस देश का प्रधानमंत्री जवानों की शहादत के समय नौका विहार फिल्म शूटिंग करे, अपने जयकारे लगवाए, चाय-नाश्ता करे, उस प्रधानमंत्री के बारे में क्या कहा जा सकता है।
उन्होंने भाजपा के मंत्री व कार्यकर्ताओं पर भी आरोप लगाया। साक्षी महाराज की एक तस्वीर दिखाते हुए उन्होंने कहा कि जब शहीदों का जनाजा उठ रहा था, उस दौरान भी सांसद साक्षी महाराज हंस रहे थे।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से पूछे 5 सवाल
- प्रधानमंत्री जी, राजनाथ जी, डोभाल जी, आप अपनी खुफिया तंत्र की विफलता के लिए जिम्मेदारी क्यों नहीं स्वीकार करते?
- स्थानीय आतंकियों को भारी मात्रा में आरडीएक्स, कार्बाइन और रॉकेट लांचर आए कहां से? पीएम मोदी के दावे के अनुसार, नोटबंदी से आतंकवाद पर लगाम क्यों नहीं लगा?
- पुलवामा हमले के 48 घंटे पहले जम्मू कश्मीर पुलिस की रिपोर्ट और आतंकियों के वीडियो को नजर अंदाज क्यों कर दिया?
- हवाई मार्ग से जवानों को क्यों नहीं ले जाया गया? सीआरपीएफ के आवेदन को क्यों ठुकराया गया? क्या हवाई परिवहन की अनुमति से जवानों की जिंदगी नहीं बच सकती थी?
- भाजपा सरकार के 56 महीनों के कार्यकाल में 488 जवान वीरगति को क्यों प्राप्त हुए हैं? क्यों 5000 से ज्यादा बार सीजफायर का उल्लंघन हुआ?
उन्होंने यह भी कहा कि हम देश को याद दिलाना चाहेंगे कि जब मुंबई 26/11 का आतंकी हमला चल रहा था, तब नरेन्द्र मोदी मुंबई में आतंकी हमले के स्थान के समीप ही तत्कालीन सरकार की आलोचना करने वाली एक प्रेस वार्ता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने भारत की एकता और अखंडता पर हमला बोलने वाले पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को करारा जवाब देने हेतु हमारी सेना और सरकार का भरपूर समर्थन किया है। हम अपने जवानों के साथ खड़े हैं। मालूम हो कि पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे।