नैनीताल: उद्यान और कृषि विभाग के एकीकरण को कांग्रेस विधानमंडल दल के उपनेता और विधायक करन माहरा ने सरकार का तुगलकी फरमान करार दिया है। कहा कि उद्यान और कृषि विभाग की कार्यप्रणाली अलग है। विलय होने से उद्यमियों को नुकसान होगा। आंदोलन के दूसरे चरण में वह प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में उद्यानिकी से जुड़े लोगों से संपर्क कर जनविरोधी नीति के खिलाफ संघर्ष करेंगे। कहा कि जरूरत पड़ी तो आमरण अनशन करने से भी पीछे नहीं हटा जाएगा। इससे पूर्व वरिष्ठ कार्यकर्ता किशन लाल ने विधायक को जूस पिलाकर उनका 24 घंटे का उपवास तुड़वाया। मालूम हो कि विभागों के पुनर्गठन की सरकारी मुहिम का विरोध की शुरूआत रानीखेत से करते हुए आने वाले दिनों में राजनीतिक माहौल के गर्माने का संकेत दे दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नजदीकी, विधानमंडल दल के उपनेता और रानीखेत के विधायक करन मेहरा ने आज सरकार के इस फैसले के खिलाफ रानीखेत में धरना दिया।
उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ गांधी पार्क में धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार के उद्यान और कृषि विभाग के एकीकरण के फैसले को गलत करार देते हुए कहा कि सरकार जन विरोधी फैसले ले रही है। आंदोलनकारियों का दर्द से साफ झलक रहा था कि सरकार के दोनों विभागों के एकीकरण के फैसले से रानीखेत स्थित उद्यान विभाग का चैबटिया गार्डन यहां से अन्यत्र शिफ्ट हो सकता है। कांग्रेस कर्मचारियों के विरोध को भी आधार बना रही है। कांग्रेस का प्रयास है कि वह किसी भी तरह से अपनी खोई जमीन वापस प्राप्त करे। कांग्रेस विधानमंडल दल के उपनेता करन मेहरा ने इस मामले में अपनी विधानसभा में हुंकार भरी और सरकार को फैसले के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले का कांग्रेस जोरदार विरोध करेगी।