हापुड़ । आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया का नया मॉड्यूल हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम की सक्रियता को लेकर जनपद में कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध रहेंगे। ब्रजघाट पर लाखों की संख्या में कांवड़िये गंगा का पावन जल लेकर अपने-अपने गंतव्य को जाते हैं, इसलिए वहां सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जाएंगे। शासन ने मेरठ मंडल को एक हेलीकॉप्टर देने का निर्देश दिया है। इसमें एटीएस और एनएसजी के अलावा पुलिस के जवान तैनात रहेंगे। सुरक्षा को लेकर जनपद में अलर्ट किया गया है।
कांवड़ यात्रा को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर है। सुरक्षा व्यवस्था का खाका तैयार किया जा रहा है। डीजीपी और मुख्य सचिव अनूप चंद पांडेय ने नोएडा में पुलिस व प्रशाससिक अफसरों के साथ सुरक्षा, सतर्कता और सुगमता को लेकर बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए थे। आतंकी संगठन आइएस को लेकर अफसर काफी गंभीर हैं। छह माह पूर्व इस मॉड्यूल से जुड़े आठ युवाओं को एनआइए ने पकड़ा था। इनमें एक युवक जनपद के गांव वैट निवासी शाकिब भी था। एक संदिग्ध जनपद बुलंदशहर के खुर्जा का भी शामिल था। कांवड़ यात्र में पुलिस और प्रशासन द्वारा ड्रोन और जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाकर निगरानी करने की प्लानिंग बनाई गई थी।
डॉ. यशवीर सिंह (पुलिस अधीक्षक) ने बताया कि मेरठ जोन को एक हैलीकॉप्टर मिल रहा है। जो मंडल के जिलों से गुजरने वाली कांवड़ यात्र के रूट का हवाई निरीक्षण करेगा। इस हैलीकॉप्टर में तैनात अधिकारियों की पूरी रिपोर्ट कंट्रोल रूम के माध्यम से उच्चाधिकारियों तक पहुंचेगी। कांवड़ यात्रा सकुशल संपन्न हो, इसलिए यह निर्णय लिया गया है। सभी क्षेत्रधिकारियों, थाना व चौकी प्रभारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। कोई भी इनपुट मिलने पर तत्काल उच्चाधिकारियों को अवगत कराएंगे। लापरवाही मिली तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा में तैनात रहेंगे 8000 पुलिसकर्मी
कांवड़ यात्रा में चाकचौबंद सुरक्षा व्यवस्था के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे व डीजीपी ओपी सिंह की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन पिछले दिनों ग्रेटर नोएडा स्थित एक्सपो मार्ट में किया गया था। बैठक में उत्तर प्रदेश के साथ ही दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड व राजस्थान के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया था। यात्रा मार्ग में कांवड़ियों की सुरक्षा पर विशेष फोकस होगा। सुरक्षा के लिए पांचों प्रदेश के अधिकारी टीम बनाकर तालमेल के साथ काम करेंगे। यात्रा के दौरान मार्ग में आने वाली शराब व मीट की दुकानें बंद रहेंगी। कांवड़ियों की सुरक्षा में लगभग आठ हजार पुलिसकर्मी तैनात होंगे। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में पड़ने वाले यात्रा मार्ग का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं पुख्ता करें।
बैठक में प्रमुख रूप से सुरक्षा, यात्रा के दौरान रूट डायवर्जन, नहर की पटरी व टूटी सड़कें सही करने, स्वास्थ्य सुविधा, बिजली, प्रकाश व्यवस्था, सफाई, कंट्रोल रूम आदि पर चर्चा हुई। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे ने बताया कांवड़ यात्रा 17 जुलाई से शुरू हो रही है। यात्रा में प्रमुख रूप से सोमवार को कांवड़ियों की भीड़ अधिक होती है। यात्रा को सफलता पूर्वक संपन्न कराने के लिए अधिकारियों से यह जानकारी ली गई कि यात्रा मार्ग पर कहां-कहां सड़क टूटी या गड्ढे हैं। पीडब्ल्यूडी व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्र की सड़कों को 17 जुलाई से पूर्व दुरुस्त कर लें। जिस मार्ग पर कांवड़ियों की भीड़ अधिक होती है वहां रूट डायवर्ट होगा। यातायात विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि रूट डायवर्जन का प्लान तैयार करें। यात्रा शुरू होने से पूर्व सोशल साइट्स पर उसका प्रचार करें। जिससे अंतिम समय में चालकों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। जिन स्थानों पर कांवड़ियों की भीड़ अधिक होती है। वहां पर स्वास्थ्य विभाग की टीम एंबुलेंस के साथ तैनात रहेगी। जिससे यात्रियों को तत्काल स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। यात्रा मार्ग पर जहां-जहां पर अंधेरा है या बिजली के तार नीचे लटक रहे हैं। उन्हें बिजली विभाग के अधिकारियों को उसे दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है। यात्रा मार्ग पर सफाई व्यवस्था पुख्ता रहेगी। उन्होंने बताया गंग नहर की पटरी से बड़ी संख्या में कांवड़ियों आते हैं। पटरी को सही कराने के संबंधित विभाग को निर्देश दिए गए हैं। डीआइजी, एडीजी व कमिश्नर को निर्देश दिए गए हैं कि यात्रा मार्ग का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराएं। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सामाजिक संगठनों के साथ बैठककर व्यवस्था दुरुस्त कराने का प्रयास करें।
बैठक में कमिश्नर अनीता सी. मेश्राम, डीएम बीएन सिंह, एसएसपी वैभव कृष्ण, डीएम गाजियाबाद ऋतु माहेश्वरी, एसएसपी गाजियाबाद सुधीर कुमार, डीएम हापुड़ अदिति सिंह, एसपी हापुड़ यशवीर सिंह, डीएम बुलंदशहर अभय कुमार, एसएसपी मुजफ्फरनगर अभिषेक यादव के अलावा उत्तराखंड के एडीजी लॉ एंड आर्डर शामिल थे। दस मिनट में पहुंचेगी पुलिस
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया प्रदेश में अभी डायल 100 का रिस्पांस टाइम 14 मिनट का है। इसे कम कर 10 मिनट करने का प्रयास है। कांवड़ यात्रा में दस मिनट में पुलिस मौके पर पहुंचेगी। म्यूजिक पर नहीं रहेगा प्रतिबंध
कांवड़ यात्रा में पिछले वर्ष म्यूजिक बजाने पर प्रतिबंध लगा था। लेकिन इस बार प्रतिबंध नहीं रहेगा। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे ने बताया म्यूजिक बजाने पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश जारी रहेंगे। किसी प्रकार के अश्लील व भड़काऊ गाने बजाने पर रोक रहेगी। कांवड़ियों को सभी निर्देशों का पालन करना होगा। 12 अगस्त को रहेगी विशेष सतर्कता
यात्रा एक माह तक चलेगी। इस दौरान पड़ने वाले सोमवार को कांवडियों की भीड़ अधिक होती है। 12 अगस्त को सोमवार है। इसी दिन बकरीद का पर्व भी है। ऐसे में दो समुदाय के बीच किसी प्रकार के विवाद की स्थिति न बने, इस पर अधिकारियों की विशेष नजर रहेगी। बनाए जाएंगे कंट्रोल रूम
यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए हर जिले में कांवड़ यात्रा कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे। कंट्रोल रूम पर आस-पास के जिले व प्रदेश के अधिकारियों के मोबाइल नंबर होंगे। यात्रियों को एप से मिलेगी विभिन्न जानकारी
यात्रियों की सुविधा के लिए शासन ने इस बार एप तैयार किया गया है। एप को कांवड़ यात्रा मैनेजमेंट एप नाम दिया गया है। एप पर यात्रियों को यात्रा मार्ग, मार्ग परिवर्तन, मार्ग पर स्वास्थ्य सुविधा व पुलिस सुविधा सहित अन्य विस्तृत जानकारी मिलेगी। विभिन्न जानकारी के लिए यात्रियों को एप अपने मोबाइल में डाउनलोड करना होगा।
गौरतलब है कि दो साल पहले अमरनाथ तीर्थयात्रियों से भरी बस पर हुए आतंकी हमले के बाद हाईअलर्ट जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि आतंकी कांवड़ियों पर लंदन सरीखा हमला कर सकते हैं। वर्ष-2017 में माह लंदन में आतंकियों ने वाहन से कई लोगों को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया था।
कांवड़िये परिचय पत्र रखें साथ
कांवड़ियों से अपील की गई है कि कांवड़ यात्रा के दौरान वे अपनी पहचान से संबंधित परिचय पत्र अवश्य रखें। सुरक्षा के लिहाज से यह अति महत्वपूर्ण है। अप्रिय स्थिति में पहचान पत्र काम आता है। कांवड़ यात्रा में शामिल कांवड़ियों की सुरक्षा में लगे जवान उनसे परिचय पत्र मांग भी सकते हैं।
जानिए क्या है ISIS
चरमपंथी संगठन आइएसआइएस इराक और सीरिया ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुका है। यह आतंकी संगठन ऑटोमैटिक मशीनगनों, रॉकेट और टैंकों जैसे अत्यआधुनिक हथियारों से लैस है। इतना ही नहीं, यह आधुनिक संचार के साधनों और इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी का भी बखूबी इस्तेमाल कर रहा है और यही वजह है कि इराकी और सीरियाई सेना के लिए यह बड़ी चुनौती है। यह रह-रहकर आतंकी हमलों को अंजाम देता रहता है।