दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ कोलकाता: एक स्थानीय अदालत ने कामदुनी गैंगरेप और हत्या मामले में शनिवार को छह दोषियों को सजा सुनाई। इनमें से तीन को फांसी, जबकि अन्य तीन को उम्रकैद की सजा दी गई है। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मृतक छात्रा के भाई ने कहा कि इससे हम खुश हैं, लेकिन बरी हुए दो आरोपियों के खिलाफ वे उच्च अदालत जाएंगे।
इनको हुई फांसी
छह दोषियों में से सैफुल अली, अंसार अली और अमीन अली को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है।
इनको उम्रकैद
इमानुल इस्लाम, अमीनुर इस्लाम और भोला नास्कर को उम्रकैद की सजा दी गई है।
यह था मामला
गौरतलब है कि कामदुनी में 21 वर्ष की एक कॉलेज छात्रा के साथ जून, 2013 में दरिंदगी से बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। यह इलाका कोलकाता से करीब 20 किमी दूर है। इस मामले में अदालत ने पहले ही आठ आरोपियों में से दो को बरी कर दिया था।
इन धाराओं में ठहराया था दोषी
28 जनवरी को अतिरिक्त नगर और सत्र न्यायाधीश संचिता कार ने खचाखच भरी अदालत में सैफुल अली, अंसार अली और अमीनुल अली को सामूहिक बलात्कार और हत्या का दोषी ठहराया था। तीनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 डी (सामूहिक बलात्कार), 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया गया था।
न्यायाधीश ने इमानुल इस्लाम, अमीनुल इस्लाम और भोला नास्कर को धारा 376 :डी: (सामूहिक बलात्कार), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 201 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत दोषी पाया।
दो आरोपी हुए थे बरी
रफीकुल इस्लाम और नूर अली के खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिला, लिहाजा अदालत दोनों को दोषमुक्त करार दिया था। एक अन्य आरोपी गोपाल नस्कर की पिछले वर्ष अगस्त में मौत हो गई थी।
DSO यानी Democratic Students Organisation के छात्रों ने आज कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया। ऐसा आरोप है कि इस केस में चार्जशीट और सप्लीमेंट्री चार्जशीट देरी से फाइल की गई।