नई दिल्ली/जम्मू,: भारतीय जवान अपने घर-परिवार, मां और पत्नी-बच्चों से दूर भारत माता की रक्षा के लिए हर दम तत्पर रहते हैं। भारत के देशवासी चैन की नींद सो सके इसके लिए जवान खुद सारी रात सीमा पर जागते हैं। चीन, पाकिस्तान के साथ युद्ध हो या फिर किसी आपदा-विपदा का समय भारतीय सेना हर वक्त तैयार रहती है। कारगिल विजय दिवस को आज 16 साल हो चुके हैं। आज देश एक बार फिर उन अमर शहीदों की देशभक्ति के साथ ही शौर्य-पराक्रम को याद करके गौरवान्वित महसूस कर रहा है। कारगिल युद्ध में भारत की जीत ‘विजय दिवस’ की 16वीं सालगिरह का जश्न रविवार सुबह करीब 9 बजे से शुरू हो गया है। द्रास में कारगिल वार मेमोरियल पर सेना के जवान, अधिकारी, पूर्व सैनिक और आम लोग उन वीर सैनिकों को याद किया जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। दूसरी ओर, दिल्ली में अमर जवान ज्योति पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और तीनों सेना के प्रमुखों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्विटर पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी है। कारगिल विजय दिवस पर आज 700 पूर्व सैनिक दौड़ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 1999 में पाकिस्तान ने कारगिल क्षेत्र में बड़े पैमाने पर घुसपैठ की थी जिसकी परिणति कारगिल युद्ध के रूप में हुई थी। इस घुसपैठ का भारत को 3 मई 1999 को पता चला और तब हुए संघर्ष में भारतीय सेना ने 26 जुलाई, 1999 को पाकिस्तानी सेना के घुसपैठियों को कारगिल से खदेड़ कर विजय पाई थी।