कारो में पॉवर नहीं माइलेज चाहते है ग्राहक
ऑटोमोबाइल क्षेत्र में बीते समय में काफी अहम् बदलावों के बावजूद आज भी कार खरीदने से पहले हर ग्राहक के मन में सिर्फ एक ही सवाल उठता है. कि माइलेज कितना है? कारों में पावर को लेकर हुए नए विकास की तुलना में ग्राहकों के लिए ईंधन की खपत एक बहुत ही अहम और बड़ा मुद्दा है. ग्राहक कार को खरीदते समय इसके पॉवर से ज्यादा इसके माइलेज को महत्त्व देते है. अमेरिकी कंपनी फोर्ड मोटर द्वारा दुनिया के 11 देशो में किये गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि भारत ही नहीं अपितु स्ट्रेलिया, चीन, न्यूजीलैंड और सिंगापुर जैसे विकसित देशों में भी ग्राहक ईंधन खपत को ही पहली प्राथमिकता देते है.
80 प्रतिशत से अधिक ग्राहकों का मनना है कि माइलेज, पॉवर से ज्यादा महत्व रखता है. इस सर्वे में कार चालको को भी शामिल किया गया. जिनमे से 72 प्रतिशत का चालको का उद्देश्य पैसे बचाना जबकि 64 प्रतिशत चालक पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामो के कारण माइलेज को महत्वपूर्ण मानते है.
वही कुछ ग्राहकों ने तो अपनी दमदार पॉवर वाली गाड़ी को छोड़कर छोटी गाड़िया लेली. ऐसे में कार बनाने वाली कंपनिया भी माइलेज पर ज्यादा फोकस करने पर विचार कर रही है.