कार्टून और गुड्डे-गुड़ियों के जरिए पढ़ाई, अब सुधरने लगी क्लास की तस्वीर
क्लास में बच्चों का मन लगे इसके लिए यूपी की एक टीचर सोनिया चौहान ने ऐसा नायाब तरीका खोज निकाला है, जिससे पढ़ाई इतनी रोचक हो गई कि क्लास में बच्चे उपस्थित भी रहने लगे हैं और कठिन से कठिन चीजें आसानी से सीख रहे हैं।
2016 में इस पहले के लिए सोनिया चौहान को उत्तर प्रदेश सरकार ने जीरो इन्वेस्टमेंट इनोवेटिव अवॉर्ड से नवाजा। कई और टीचर्स ने भी इसे अपनाया और कई स्कूल तो शॉर्ट फिल्म्स, इंटरैक्टिव सेशंस, गाने और कविताओं के माध्यम से पढ़ाई को रोचक बना रहे हैं।
ऐनुअल सर्वे ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (ASER) 2017 के अनुसार, स्कूल छोड़ने वाले 50 पर्सेंट लड़कों में से 34 पर्सेंट ने रुचि ना होने और 16 पर्सेंट बच्चों ने फेल होने के कारण स्कूल छोड़ा। लड़कियों के लिए यही आंकड़े 19 पर्सेंट और 17 पर्सेंट है। ASER में बताया गया कि 14-18 साल की उम्र के 25 पर्सेंट छात्र मूल अक्षरों को भी ढंग से नहीं पढ़ पाते हैं। आधे से ज्यादा तीन अंकों के गुणे में भी अटकते हैं।
कार्टूनिस्ट शरद शर्मा कहते हैं, ‘पढ़ाई की ऐसी हालत देख हमने टीचर्स और स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग देने शुरू किया। सरकारी स्कूलों में सीमित संसाधन होने के चलते ये कॉमिक स्ट्रिप्स काफी कामयाब हैं।’