कार्ड से भुगतान पर नहीं लगेगा सर्विस चार्ज
एजेंसी/ नई दिल्ली। सरकार के दो साल पूरे होने पर रेलवे ने अपने यात्रियों को छोटी सी सौगात दी है। इसके तहत काउंटर से टिकट खरीदने व क्रेडिट व डेबिट कार्ड से भुगतान करने पर प्रति टिकट वसूला जाने वाला 30 रुपए का सर्विस चार्ज अब उनसे नहीं वसूला जाएगा। यही नहीं, दो वर्ष के उपलक्ष्य में राजधानी व शताब्दी ट्रेनों में खाने को वैकल्पिक बनाने की भी तैयारी है।
रेलवे बोर्ड ने क्रेडिट व डेबिट कार्ड से काउंटर रेल टिकटों का भुगतान करने पर सर्विस चार्ज वसूलने की परंपरा आगामी 1 जून से समाप्त करने का निर्णय लिया है। यह कदम डेबिट/क्रेडिट कार्ड से खरीदारी में ट्रांजैक्शन शुल्क को समाप्त करने तथा नकदी के बजाय ऑनलाइन पेमेंट को बढ़ावा की नई नीति के तहत उठाया गया है। हालांकि आईआरसीटीसी की वेबसाइट से टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग पर सर्विस चार्ज को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। लेकिन माना जाता है कि देर-सबेर इस शुल्क को भी या तो खत्म किया जाएगा या इसमें कमी की जाएगी।
आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन टिकट (आई-टिकट और ई-टिकट) बुक करने पर 10 रुपए से लेकर 60 रुपए तक का सर्विस चार्ज लगता है। मसलन, आई-टिकट के मामले स्लीपर क्लास के टिकट पर 40 रुपए तथा अन्य सभी श्रेणियों (फर्स्ट क्लास, सीसी, 3एसी, 2एसी व 1एसी) के टिकट पर 60 रुपए सर्विज चार्ज लगता है। जबकि ई-टिकट के मामले में स्लीपर क्लास टिकट पर 10 रुपए तथा अन्य सभी श्रेणियों के टिकट पर 20 रुपए सर्विस चार्ज लगता है। विभिन्न सभी बैंक अपने-अपने हिसाब से ट्रांजैक्शन शुल्क वसूलते हैं। मसलन, एक्सिस बैंक मास्टर व वीजा क्रेडिट कार्ड तथा एटीएम-सह-डेबिट कार्ड पर 1.65 फीसद+सर्विस टैक्स तथा आईसीआईसीआई बैंक व एचडीएफसी बैंक 1.8 फीसद+सर्विस टैक्स के हिसाब से ट्रांजैक्शन चार्ज की वसूली करते हैं। नेट/मोबाइल बैंकिंग की स्थिति में प्राय: 10 रुपए+सर्विस टैक्स की वसूली ट्रांजैक्शन चार्ज के रूप में की जाती है।
दो साल के उपलक्ष्य में एक और सुविधा जून से शुरू होने वाली है। वह है राजधानी व शताब्दी ट्रेनों में खाने के विकल्प की। अभी इन दोनों प्रकार की ट्रेनों में खाना मिलता है और उसका पैसा किराये में शामिल होता है। भले आप चाहें या न चाहें। इस व्यवस्था को अब वैकल्पिक बनाने का निर्णय लिया गया है। यानी आपको खाना तभी मिलेगा जब आप इसकी मांग करेंगे। इसके लिए आपको बुकिंग के वक्त बताना होगा कि खाना चाहिए या नहीं। यदि आपने ‘नहीं’ पर टिक किया तो आपके किराये में खाने की कीमत शामिल नहीं की जाएगी। केवल ‘हां’ का विकल्प देने पर ही किराये में खाने का मूल्य लिया जाएगा। इस व्यवस्था को 15 जून से प्रायोगिक तौर पर कुछ राजधानी व शताब्दी ट्रेनों में शुरू किया जा रहा है। यदि यह प्रयोग सफल रहा तो इसे सभी राजधानी/शताब्दी ट्रेनों में लागू किया जाएगा। यह कदम राजधानी व शताब्दी में खाने की क्वालिटी को लेकर बढ़ती शिकायतों तथा ई-कैटरिंग की बढ़ती लोकप्रियता के मद्देनजर उठाया जा रहा है।