अजब-गजब
कार्तिकेय ही नहीं देवी पार्वती ने एक राक्षस को भी दिया था जन्म
![](https://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2016/09/img_20160921044246.jpg)
नई दिल्ली। शिव पार्वती के पुत्रों के रूप में कार्तिक और गणेश का नाम सभी लोग जानते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों के अलावा उनका एक पुत्र और भी था।
शिव पार्वती को ये किसी देवता या भगवान के रूप में नहीं बल्कि राक्षस के रूप में जाना जाता है। वामन पुराण के अनुसार शिव- पार्वती के पुत्र कार्तिक और गणेश के अलावा अंधक नाम के पुत्र के जन्म की कहानी मिलती है।
क्या है पूरी कहानी
इस कहानी के अनुसार एक बार भगवान शिव और माता पार्वती घूमते हुए काशी पहुंच गए। वहां पर भगवान शिव अपना मुंह पूर्व दिशा की ओर करके बैठे थे। उसी समय पार्वती ने पीछे से आकर अपने हाथों से भगवान शिव की आंखों को बंद कर दिया। ऐसा करने पर उस पल के लिए पूरे संसार में अंधेरा छा गया।
दुनिया को बचाने के लिए शिव ने अपनी तीसरी आँख खोल दी, जिससे संसार में पुनः रोशनी हो गई, लेकिन उसकी गर्मी से पार्वती को पसीना आ गया। उन पसीने की बूंदों से एक बालक प्रकट हुआ।
उस बालक का मुंह बहुत बड़ा था और भंयकर था। उस बालक को देखकर माता पार्वती ने भगवान शिव से उसकी उत्पत्ति के बारे में पूछा। भगवान शिव ने पसीने से उत्पन्न होने के कारण उसे अपना पुत्र बताया।
अंधक नाम कैसे पड़ा
अंधकार में उत्पन्न होने की वजह से उसका नाम अंधक रखा गया। कुछ समय बाद दैत्य हिरण्याक्ष के पुत्र प्राप्ति का वर मागंने पर भगवान शिव ने अंधक को उसे पुत्र रूप में प्रदान कर दिया। अंधक असुरों के बीच ही पला बढ़ा और आगे चलकर असुरों का राजा बना।
ब्रह्मा जी से वरदान मांगा
अंधक ने तपस्या करके ब्रह्मा जी से वरदान मांग लिया था की वो तभी मरे जब वो यौन लालसा से अपनी माँ की और देखे। अंधक ने सोचा था की ऐसा कभी नहीं होगा क्योकि उसकी कोई माँ नहीं है। वरदान मिलने के बाद अंधक देवताओं को परास्त करके तीनो लोकों का राजा बन गया।