अद्धयात्म

कार्तिक पूर्णिमाः ये 2 काम देते हैं सौभाग्य का वरदान

deepak-lighting-56403a8651b56_lकार्तिक मास की पूर्णिमा को शास्त्रों में बहुत पवित्र और महत्वपूर्ण तिथि माना गया है। 25 नवम्बर 2015 (बुधवार) को कार्तिक पूर्णिमा है। त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु तथा शिवजी) ने भी इस दिन को पुण्य व सौभाग्य देने वाला बताया है। इस दिन विशेष रूप से 2 काम करने का विधान है जिनसे सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कौनसे हैं वे दो काम, पढ़िए आगे।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा या किसी तीर्थ में स्नान अथवा घर पर ही श्रद्धापूर्वक पवित्र जल से स्नान करना पुण्यदायक माना गया है। इसी प्रकार शाम को दीपदान का भी खास महत्व है। मान्यता है कि दीपदान का फल यज्ञों के समान होता है।
चूंकि कुछ श्रद्धालु कार्तिक मास में विशेष उपवास-स्नान आदि भी करते हैं। उनका यह व्रत भी कार्तिक पूर्णिमा को संपन्न होता है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा सुनी जाती है जो सत्य के रक्षक माने गए हैं। वे भक्त को सत्य, सदाचार और शुभ फल देते हैं।

इस दिन देवालय, तुलसी का पौधा, पीपल, चौराहा आदि स्थानों पर दीप जलाने की परंपरा है। कहा जाता है कि जो यहां प्रकाश करता है, सत्यनारायण उसके जीवन में सत्य का प्रकाश करते हैं।  

 

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