अद्धयात्म

कार्तिक पूर्णिमा कलः सुबह करें नदी स्नान, शाम को दीपदान

deepdan-01_1448261184कार्तिक मास की पूर्णिमा बड़ी पवित्र तिथि है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान ब्रह्मा, विष्णु, शिव आदि ने इस तिथि को परम पुण्यदायी बताया है। इस दिन गंगा स्नान तथा शाम के समय दीपदान करने का विशेष महत्व है। इस बार यह तिथि 25 नवंबर, बुधवार को है।
पुराणों के अनुसार, इस दिन किए गए दान, जपादि का दस यज्ञों के समान फल प्राप्त होता है। इस दिन यदि कृत्तिका नक्षत्र हो तो यह महाकार्तिकी होती है, भरणी हो तो विशेष फल देती है और यदि रोहिणी हो तो इसका फल और भी बढ़ जाता है।
जो व्यक्ति पूरे कार्तिक मास स्नान करते हैं, उनका नियम कार्तिक पूर्णिमा को पूरा हो जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रीसत्यनारायण व्रत की कथा सुनी जाती है। शाम के समय मंदिरों, चौराहों, पीपल के वृक्षों तथा तुलसी के पौधों के पास दीप जलाए जाते हैं और नदियों में दीपदान किया जाता है। काशी में यह तिथि देवदीपावली महोत्सव के रूप में मनाई जाती है।

 

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