उत्तराखंडराज्य

कार्बेट और राजाजी पार्क के गेट सैलानियों के लिए खुले

देहरादून: सैलानियों के लिए कार्बेट और राजाजी नेशनल पार्क की सैर आज से फिर शुरू हो गई। मानसून सीजन के लिए 15 जून को बंद हुए दोनों पार्कों के गेट आज खोल दिए गए। इस बार व्यवस्थाओं में कुछ बदलाव भी किए गए हैं।  सुबह करीब 7:00 बजे मोतीचूर में वन्यजीव प्रतिपालक प्रदीप कुमार व इको विकास समिति के अध्यक्ष राजेश जुगलान ने रिबन काटकर राजाजी पार्क का गेट खोला। पहले दिन 10 वाहनों के जरिये 25 पर्यटक जंगल में सैर के लिए निकले।  कार्बेट और राजाजी पार्क के गेट सैलानियों के लिए खुले

रेंज अधिकारी विकास रावत ने बताया कि पर्यटकों को बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया जाएगा। पंजीकृत वाहनों को ही पार्क में प्रवेश की अनुमति होगी। शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है, बीते वर्षों की तरह इस बार भी निर्धारित शुल्क पर्यटकों से लिया जाएगा। इस मौके पर हरिपुर कला इको विकास समिति के अध्यक्ष वेदप्रकाश ग्वाड़ी, फरमान मलिक, गोविंद सिंह खाती आदि रहे।

वहीं पहली बार चीला रेंज गेट में पर्यटकों को सुबह के वक्त निराश होना पड़ा। दरअसल इस बार चीला के गेट दोपहर 2:00 बजे वन मंत्री हरक सिंह रावत द्वारा खोला जाना है, लेकिन इसकी सूचना आम लोगों को नहीं है। यही वजह है कि बड़ी संख्या में पर्यटक सुबह ही चीला गेट पर पहुंच गए। जब इस बात का पता चला कि इस बार गेट सुबह की वजह दोपहर में खुलेगा तो पर्यटकों को मायूस होना पड़ा। 

ऐसा पहली बार हो रहा है जब चीला रेंज के गेट सुबह की बजाय दोपहर को खोला जाएगा। विदित है कि राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज पर्यटकों की सबसे पसंदीदा रेंज है। यहां हर साल हजारों की संख्या में सैलानी वन्यजीवों के दीदार के लिए आते हैं। इन पर्यटक को से पार्क प्रशासन को लाखों रुपये की इनकम होती है।

निजी वाहनों पर रोक 

इस बार पार्क प्रशासन ने जंगल में निजी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। इसकी बजाए ईको डेवलपमेंट कमेटी से जुड़े 50 युवा जिप्सी वाहनों में सैलानियों को सैर कराएंगे। पार्क में निजी वाहनों को प्रवेश की अनुमति देने पर इनमें सवार लोग जंगल में नियमों की अनदेखी करते हैं। कई मर्तबा शिकायतें मिलने के बाद यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा राजाजी में दो हाथी भी पर्यटकों को सैर कराने के लिए तैयार हैं।

दूसरी ओर कार्बेट नेशनल पार्क का ढिकाला पर्यटन जोन का गेट भी खोल दिए गए। यहां पर्यटक पार्क के  पार्क के ढिकाला, गैरल, खिनानौली, सर्पदुली, बिजरानी, झिरना और ढेला जोन में वन्य जीवों का दीदार कर पाएंगे। हालांकि पार्क प्रशासन ने पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था में बदलाव किया है। 

अब पार्क क्षेत्र के 43 विश्राम गृहों में सैलानी तीन दिन ही बिता पाएंगे। पहले यह अवधि एक सप्ताह थी। इसके पीछे वजह बताई जा रही है कि पर्यटकों की बढ़ती तादाद। दूसरे पर्यटकों को भी मौका मिल सके, इस कारण यह निर्णय लिया गया है। 

कोटद्वार से भी कर सकेंगे कार्बेट की सैर

अब सैलानी कार्बेट नेशनल पार्क में नैनीताल जिले के रामनगर के अलावा पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार से भी प्रवेश कर सकेंगे। यह गेट 27 नवंबर को खोला जाएगा। 

जीएसटी ने आराम किया महंगा

कॉर्बेट पार्क में रात्रि विश्राम के लिए पर्यटकों को जीएसटी भी चुकाना होगा। जीएसटी के चलते एक हजार से 2499 रुपये वाले कक्ष के 12 प्रतिशत, 2500 से 7499 तक 18, 7500 से अधिक पर 28 प्रतिशत अतिरिक्त देना होगा। 

कैंटर से भी लें सफर का मजा

कार्बेट के ढिकाला जोन में जो पर्यटक रात्रि विश्राम नहीं करना चाहते हैं। वे पार्क प्रशासन के खुले कैंटर वाहन से सुबह व शाम की पाली में डे विजिट के लिए जा सकते हैं। कैंटर से घूमने की सुविधा केवल ढिकाला जोन के लिए ही उपलब्ध है।

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