कार चलाते समय पच्चीस फीसदी चालक ही करते हैं सीट बेल्ट का उपयोग
नई दिल्ली(एजेंसी)। आटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी के सर्वे में सामने आया है कि कार में बैठने वाले चार में से केवल एक व्यक्ति ही सीट बेल्ट का इस्तेमाल करता है। इस प्राणरक्षा उपाय के इस्तेमाल के आंकड़े बेहद निराशाजनक हैं। सीट बेल्ट फीचर की अनदेखी करने में महिलाएं पुरुषों से कहीं ज्यादा आगे हैं। उल्लेखनीय है कि सीट बेल्ट नहीं लगाने की वजह से हर साल हजारों लोगों की हादसों में मौत हो जाती है।
सर्वे में यह भी खुलासा हुआ कि 81 फीसदी महिलाएं सीट बेल्ट लगाने के नियम को तोड़ती हैं, जबकि पुरुषों का प्रतिशत 68 फीसदी है। मारुति सुजुकी ने ‘सीटबेल्ट यूज़ इन इंडिया’ नाम से देश के 17 शहरों में एक सर्वे कराया। यह सर्वे 2,500 चालकों और यात्रियों को लेकर किया गया। इसमें सामने आया कि सीट बेल्ट लगाना जरूरी करने वाले नियम को लागू करने के लिए सख्ती किए जाने की जरूरत है।
पुलिस को सीटबेल्ट नहीं लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और उनपर जुर्माना लगाना चाहिए। इतना ही नहीं, सीट बेल्ट लगाने के मामले में दिल्ली-एनसीआर को मेरठ ने पछाड़ दिया है। मेरठ में इस सेफ्टी फीचर का इस्तेमाल करने वालों का पर्सेंट शेयर दिल्ली-एनसीआर के चालकों से कहीं ज्यादा है। सर्वे में यह भी सामने आया है कि 2016 में सीट बेल्ट नहीं पहनने की वजह से 5,638 मौतें सड़क हादसों में हुईं।
ग्लोबल स्टडीज़ के मुताबिक, सीट बेल्ट लगाने से हादसे में मौत की आशंका 45 फीसदी तक कम हो जाती है। इतना ही नहीं, गंभीर चोट की संभावना में भी 50 फीसदी की गिरावट आती है। सीट बेल्ट नहीं पहनने वालों का किसी हादसे में वाहन के बाहर आ जाने का खतरा सीट बेल्ट पहने वालों के मुकाबले 30 गुना अधिक होता है। इस रिपोर्ट में पता चला है कि नागपुर में 90 फीसदी और जयपुर, चंडीगढ़ में 80 फीसदी से ज्यादा चालक सीट बेल्ट फीचर का इस्तेमाल करते हैं।
इसके बाद मुंबई का नंबर आता है। चौंकाने वाली बात यह रही कि मध्य प्रदेश के इंदौर और कर्नाटक के बेंगलुरु में सीट बेल्ट इस्तेमाल करने वालों का प्रतिशत उम्मीद से कहीं कम है। पिछली सीट पर बैठकर सीट बेल्ट इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या तो महज चार फीसदी ही है। रिपोर्ट के मुताबिक, सीट बेल्ट नहीं पहनने वाले ज्यादातर एसयूवी धारक होते हैं।