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कार सवार जोड़े से वसूली और अश्लीलता करते धरा गया पीएसी

गोसाईंगंज पुलिस ने शुक्रवार रात शहीद पथ पर कार सवार जोड़े को उगाही के लिए धमका रहे 35वीं वाहिनी पीएसी के दरोगा राजेंद्र कुमार शुक्ला को गिरफ्तार किया है। वह पीएसी की ड्यूटी खत्म करने के बाद वर्दीधारी साथी को लेकर वसूली करने निकला था।
कमांडेंट ने उसे निलंबित करके विभागीय कार्रवाई शुरू की है। खास बात यह है कि दरोगा को दो साल पहले पीजीआई पुलिस ने लूट के आरोप में जेल भेजा था। अफसरों ने उसकी बर्खास्तगी की कार्रवाई की, लेकिन उसने नौकरी वापस पा ली थी।

एसओ गोसाईंगंज विद्यासागर पाल ने बताया कि विभूतिखंड इलाके की एक कंपनी में कार्यरत युवक-युवती देर रात शहीद पथ पर कार से जा रहे थे। रात 12:30 बजे अंसल सिटी के पास दरोगा ने चेकिंग के बहाने कार रुकवाई।

जोड़े से पूछताछ की और देर रात फर्राटा भरने को लेकर हड़काते हुए युवती को उसके परिवारीजनों से शिकायत व युवक को कार में अश्लील हरकतें करने के जुर्म में जेल भेजने की धमकी दी। इस दौरान दरोगा खुद ड्राइविंग सीट पर जा बैठा।

रकम की मांग के साथ युवती से आपत्तिजनक हरकत करने लगा। इस पर युवती की उससे भिड़ंत हो गई। युवक-युवती ने रास्ते से गुजर रहे लोगों को की मदद से दरोगा को पकड़ा और गश्त पर निकले पुलिसकर्मियों की मदद से उसे लेकर थाने पहुंचे।

दरोगा की पहचान 35वीं वाहिनी पीएसी के प्लाटून कमांडर राजेंद्र कुमार शुक्ला के रूप में हुई। युवक की शिकायत पर वसूली का केस दर्ज करके राजेंद्र कुमार शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया। उसने सफाई दी कि वह अहिमामऊ से आशियाना की एलडीए कॉलोनी स्थित अपने घर जा रहा था। 

बाइक लेकर भागा सिपाही 

पड़ताल में पुलिस को पता चला कि पीएसी का प्लाटून कमांडर राजेंद्र कुमार शुक्ला सिपाही की वर्दी पहने साथी को लेकर उगाही करने बाइक से शहीद पथ पर निकला था। युवक-युवती द्वारा राहगीरों की मदद से राजेंद्र को पकड़े जाते देख वह भाग निकला। तफ्तीश कर रहे एसआई पवन कुमार सिंह ने बताया कि युवक ने राजेंद्र कुमार शुक्ला के खिलाफ केस दर्ज कराते हुए उसे पुलिस को सौंपा था। उसके साथी के बारे में पड़ताल की जा रही है। 

बर्खास्तगी के बाद पाई थी नौकरी, फिर निलंबित

35वीं वाहिनी पीएसी के कमांडेंट राकेश कुमार सिंह ने बताया कि वसूली के आरोप में प्लाटून कमांडर राजेंद्र कुमार शुक्ला की गिरफ्तारी की सूचना पर उसने निलंबित करके विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। वहीं, पुलिस की पूछताछ में राजेंद्र ने कुबूला कि 30 जुलाई 2015 को पीजीआई थाने की पुलिस ने उसे लूट के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसने कुबूला कि उसे 2012 में नौकरी से बर्खास्त किया गया था। किसी तरह उसने खुद को बहाल कराया और नौकरी करने लगा था। 
 

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