अन्तर्राष्ट्रीय

कार से जाएं थाइलैंड, विमान से पड़ेगा 6000 रुपए सस्ता

l_thiland-1464055224एजेंसी/बैंकाक. वह दिन दूर नहीं, जब सड़क मार्ग से थाइलैंड और म्यांमार की यात्रा की जाएगी। अगले डेढ़ वर्ष में भारत, थाइलैंड और म्यांमार 1400 किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग के जरिये एक-दूसरे से जुडऩे जा रहे हैं। यह जानकारी बैंकाक स्थित भारतीय राजदूत भगवंत सिंह बिश्नोई ने दी। उन्होंने कहा कि तीनों देश इस सड़क परियोजना को पूरा करने के लिए मोटर यातायात समझौता करने के करीब है। परियोजना के पूरा हो जाने के बाद यह पहला मौका होगा, जब भारत दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के साथ सड़क मार्ग से जुड़ जाएगा। तीनों देशों के बीच सड़क यातायात जल्द से जल्द शुरू हो जाएगा। अनुमान के मुताबिक जयपुर-दिल्ली से सड़क मार्ग द्वारा थाईलैंड जाने पर विमान के मुकाबले करीब 6000 रुपए की बचत होगी। 

73 पुलों की मरम्मत

इसके लिए भारत, म्यांमार में 73 पुराने पुलों की मरम्मत करा रहा है। इन पुलों को दूसरे विश्व युद्ध के समय बनाया गया था। अगले डेढ़ वर्ष में पुलों की मरम्मत का काम जब पूरा हो जाएगा, तब तीनों देशों के बीच सड़क यातायात शुरू हो जाएगा।

मार्ग कैसे बेहतर : ऐसे समझें बचत का गणित

जयपुर से थाईलैंड का टाक मेई सोट जिला करीब 4000 किमी दूर है। यदि यहां डीजल कार से जाएं तो तेल व मेंटेनेंस का खर्च करीब 12,000 रुपए आएगा। जबकि 4 व्यक्ति एक कार से यहां जाते हैं तो प्रति व्यक्ति करीब 4500 रुपए का खर्च आएगा। वहीं जयपुर से बैंकाक फ्लाइट से जाने का सामान्य किराया करीब 10,000 से 13,000 रुपए है। 

मणिपुर के मोरेह से बन रही सड़क

तीन देशों को जोडऩे वाली 1400 किलोमीटर लंबी यह सड़क मणिपुर के चंदेल जिले में सीमावर्ती शहर मोरेह से शुरू होकर म्यांमार के तामू कस्बा होते हुए थाइलैंड के टाक मेई सोट जिले पहुंचेगी। सड़क यातायात से जुडऩे के बाद तीनों देशों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में और बढ़ोतरी होगी। इससे पूर्वोत्तर भारत के राज्यों का विकास भी  होगा।

 
 
 

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