दस्तक टाइम्स/एजेंसी- नई दिल्ली: बीजेपी ने काले धन के मामले में लिप्त एक कंपनी से सोनिया गांधी और राहुल गांधी के कनेक्शन का दावा करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं. बीजेपी ने कहा कि इन दोनों कांग्रेस नेताओं की बड़ी हिस्सेदारी वाली ‘यंग इंडिया’ कंपनी ने उस फर्म से एक करोड़ रुपये उधार लिए हैं जो कथित रूप से काले धन को सफेद में बदलने के काम में लिप्त है.
हालांकि कांग्रेस ने इसे खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी बेबुनियाद आरोप लगा रही है क्योंकि उसे बिहार विधानसभा चुनाव में निश्चित हार नजर आ रही है.
कंपनी में सोनिया-राहुल की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया कि ये आरोप तो महज एक छोटी सी झलक मात्र हैं. उन्होंने इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष से जवाब की मांग करते हुए कहा कि काले धन के मामले में भारतीय राजनीति के प्रथम परिवार के विशिष्ट लोगों के नाम जुड़े हैं. पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान पात्रा ने कहा कि दिसंबर 2010 के आस-पास यंग इंडिया कंपनी की स्थापना हुई, जिसमें सोनिया और राहुल, की 38.38 फीसदी की हिस्सेदारी थी.
उन्होंने कहा कि अगर किसी के पास एक कंपनी की 76 प्रतिशत की हिस्सेदारी हो तो, स्वाभाविक रूप से उसके पास उसके स्वामित्व के अधिकार होते हैं. बीजेपी प्रवक्ता ने दावा किया कि 23 सितंबर 2014 को 10 जनपथ पर हुई बैठक में बोर्ड के पास प्रस्ताव आया कि मैसर्स डॉटेक्स मर्केंडाइज प्रा.लि. से यंग इंडिया द्वारा लिए गए उधार को चुकाने की मियाद एक साल और बढ़ा दी जाए.
काले धन को सफेद में बदलती थी कंपनी
पात्रा ने कहा कि मैसर्स डॉटेक्स मर्केंडाइज प्रा.लि. की गतिविधियां देखने से वे संदिग्ध लगती हैं. उन्होंने दावा किया कि कंपनी के मालिक ने कोलकाता में आयकर अधिकारियों को उसकी फर्म की गतिविधियों के बारे में बताया, जिनमें काले धन को सफेद में बदलना शामिल है. दस्तावेज लहराते हुए, जो उनके अनुसार इस बातचीत का ब्यौरा जाहिर करते हैं, पात्रा ने कहा कि यंग इंडिया ने जब कर्ज लिया तब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सत्ता में थी और फर्म के बारे में पता लगाने की मशीनरी उनके पास थी.
किसका है ये काला धन?
पात्रा ने कांग्रेस नेतृत्व पर हमला करते हुए कहा, ‘यह एक करोड़ तो झलक मात्र है. हम कांग्रेस से पूछते हैं, यह किसका काला धन है? क्या यह कोलगेट, CWG, 2जी या जीजाजी (राबर्ट वाड्रा की ओर इशारा) का है. कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए.’