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नई दिल्ली (3 अक्टूबर): केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली काला धन उजागर नहीं करने वालो को अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है। जेटली ने कहा कि उन लोगों को चिंतित होने की कोई जरुरत नहीं है जिन्होंने इसकी जानकारी दे दी है, वह सुकुन से सो सकते हैं। लेकिन जानकारी न देने वाली चाहे छोटी मछली हो या बड़ी, उन्हें अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।
एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में जेटली ने काले धन के दुरुपयोग के सवाल पर कहा कि सामान्य भारतीय इस कानून के समर्थन में हैं और काफी सपोर्टिव हैं। विरोध के स्वर ऐसे लोग उठा रहे हैं, जिन्हें खुद इस कानून से परेशानी होने वाली है। जेटली ने कहा कि ईमानदार करदाताओं को घबराने की जरूरत नहीं है।
पांच करोड़ लोगों में से सिर्फ तीन लाख लोगों को रैंडम प्रॉसेस के तहत निगरानी के लिए चुना गया है। इनमें से भी दो लाख मामले सुलझा लिए गए हैं, एक लाख के खिलाफ मामला दायर किया जाएगा। जेटली ने अनुपालना खिड़की की योजना को असफल करार देने पर असहमति देते हुए कहा कि हमारा प्रयास लोगों से उनकी अघोषित संपत्ति के बारे में जानकारी लेना था। यह योजना किसी को उसके अपराध के लिए माफ करने की योजना नहीं थी।
इससे पहले शुक्रवार को आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने भी इस बात के संकेत दिए थे कि सरकार उन लोगों के खिलाफ छोपमारी अभियान शुरु करने वाली है, जिन्होंने विदेश में अपनी अघोषित संपत्ति की जानकारी नहीं दी है। दास ने कहा कि जिन लोगों ने इस सुविधा को हल्के में लिया है, वह आने वाले दिनों में पछताएंगे।नए काला धन कानून के तहत विदेशों में अपनी संपत्ति घोषित न करने वालों पर 120 फीसदी जुर्माने और 10 साल की सजा का प्रावधान है।