काली इलायची इस तरह रखती है आपकी सेहत का ख्याल, जानिए
अक्सर हम अपने घरों में खाने में छोटी वाली हरी इलायची का ही प्रयोग करते है लेकिन एक और तरह की इलायची होती है जिसे काली इलायची या बड़ी इलायची भी कहते हैं। बड़ी इलायची को ‘भूरी इलायची’, ‘लाल इलायची’, ‘नेपाली इलायची’ या ‘बंगाल इलायची’ के नाम से भी जाना जाता है। इसका स्वाद छोटी इलायची से अलग होता है। काली इलायची का इस्तेमाल मसाले के तौर पर तो होता ही है लेकिन औषधि के रूप में भी किया जाता है। इसमें फाइबर और ऑइल जैसे कुछ खास पोषक तत्व मिलते हैं जो कई तरह की बीमारियों को दूर करने में मददगार रहते हैं। आज हम आपको काली इलायची से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में…
हार्ट हेल्दी
काली इलायची हृदय की लय को नियंत्रित करती है, जो आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है। काली इलायची के नियमित सेवन से हार्ट हेल्दी रहता है। यह खून के थक्के की संभावनाओं को कम करता है।
कैंसर से बचाव
बड़ी इलायची में दो तरह के एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं। इनमें भी एंटी कैंसर-एंटी ऑक्सीडेंट्स सबसे खास होते हैं। यह ब्रेस्ट, कोलोन और ओवेरियन कैंसर को रोकती है।
पेट को रखे स्वस्थ
पेट के लिए काली इलायची काफी फायदेमंद साबित होती है। इसके नियमित सेवन से गैस्ट्रिक अल्सर या अन्य पाचन विकारों के विकास की संभावना काफी कम हो जाती है। काली इलायची पेट के ऐसिड की मात्रा को नियंत्रण में रखने के लिए रस स्राव की प्रक्रिया को विनियमित करने में भी मदद करती है।
पेनकिलर
बड़ी इलायची पेनकिलर की तरह काम करती है। सिर दर्द में भी फायदेमंद होती है। इससे तैयार किए जाने वाले सुगंधित तेल का इस्तेमाल भी तनाव और थकान दूर करने के लिए किया जाता है। टेंशन होने पर रात को एक बड़ी इलायची खाकर सो जाएं। सुबह आपको अच्छा फील होगा।
इंफेक्शन से बचाव
बड़ी इलायची में एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो किसी भी तरह के इंफेक्शन को होने से रोकते हैं।
दूर होता है स्कैल्प का इंफेक्शन
काली इलायची का ऐंटिऑक्सिडेटिव गुण आपके स्कैल्प और बालों को पोषण प्रदान करने में सहायक होते हैं। यह प्राकृतिक रूप से ऐंटिसेप्टिक और जीवाणुरोधी होती है, इसलिए इसका सेवन स्कैल्प पर खुजली-जलन और संक्रमण को रोकने में मदद करता है।
ओरल हेल्थ
कई दंत रोगों, जैसे दांतों का संक्रमण, मसूड़ों के संक्रमण आदि का इलाज काली इलायची से किया जा सकता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एन्टी माइक्रोबियल क्वालिटी भी होती हैं।अगर आपके मुंह से दुर्गंध आती है तो बड़ी इलायची चबाना अच्छा उपाय है। इसके अलावा मुंह के घावों को ठीक करने के लिए भी बड़ी इलायची का इस्तेमाल किया जाता है।
सांस की बीमारियों में फायदेमंद
अगर आपको गंभीर सांस की तकलीफ है, तो काली इलायची आपके लिए एक बेहतरीन औषधि है। अस्थमा, काली खांसी, फेफड़े की जकड़न, ब्रॉन्काइटिस, पल्मोनरी ट्यूबरकुलोसिस जैसी कई सांस से संबंधित बीमारियों का इस छोटे से मसाले से सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है। यह आपके श्वसन पथ को गर्म करता है जिससे फेफड़ों के माध्यम से हवा का संचार आसान हो जाता है।
किडनी को क्लीन करने में मददगार
काली इलायची एक प्रभावी मूत्रवर्धक होने के कारण, पेशाब की समस्या और गुर्दे की गंदगी को साफ करने में मदद करती है। यह आपके गुर्दे की प्रणाली को स्वस्थ रखती है।
फेफड़ों के लिए फायदेमंद
एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज के कारण यह फेफड़ों की समस्याओं जैसे अस्थमा और खांसी में बेहद लाभकारी है।