काले धन पर सरकार का रुख जोखिम वाला नहीं
नई दिल्ली। विदेशों में कालाधन जमा करने वालों के नाम उजागर करने के मसले पर एनडीए सरकार कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी जिससे भविष्य में ऐसे मामलों में अन्य देशों से सहयोग मिलने की गुंजाइश धूमिल हो। जेटली ने कहा कि काले धन पर सरकार का रुख जोखिम वाला नहीं, बल्कि दृढ़ निश्चय वाला है। सरकार नामों का पता लगाने, दोषियों को सजा दिलाने और उन्हें सार्वजनिक करने को प्रतिबद्ध है। वित्त मंत्री ने फेसबुक पेज पर लिखा, ‘हम ऐसा कोई भी जोखिमपूर्ण कदम नहीं उठाने जा रहे जिससे कि हम संधियों का उल्लंघन कर जाएं और फिर कहें कि हम दूसरे देशों से सहयोग पाने में सक्षम नहीं हैं। इस तरह के रुख से वास्तव में कालाधन रखने वाले खाताधारकों को ही मदद मिल सकती है। जोखिम लेकर कदम उठाना अदूरदर्शिता होगी। परिपक्व रुख अपनाने से हम मामले की तह तक जा पाएंगे।’ सरकार को सुप्रीम कोर्ट में विदेशी बैंकों में अवैध खाते रखने वाले लोगों के नाम का खुलासा करने से इनकार को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। जेटली का यह बयान एक तरह से इन आलोचनाओं का जवाब माना जा रहा है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी है कि वह ऐसी सभी सूचनाओं का खुलासा नहीं कर सकती है क्योंकि जिन देशों के साथ भारत की दोहरे कराधान से बचाव की संधि है उन्हें इसे सार्वजनिक करने में आपत्ति है। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने मई में सत्ता संभालने के बाद चुनाव पूर्व किए गए कालाधन वापस लाने के वादे को पूरा करने का संकल्प दोहराया था। एजेंसियां