काशी में करीब 100 से भी ज्यादा खंडित शिवलिंग मिलने से सनसनी फैल गई
वाराणसी: शिव की नगरी काशी में करीब 100 से भी ज्यादा खंडित शिवलिंग मिलने से सनसनी फैल गई है। ये सारे शिवलिंग मलबे के ढेर से बरामद हुए हैं। इस घटना के बाद स्थानीय लोग गुस्से में है जबकि पुलिस मामला दर्ज कर ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इतनी बड़ी संख्या में शिवलिंग मलबे में किसने और क्यों फेंके। वाराणसी में एक साथ इतने शिवलिंग मलबे में पड़ा देखकर लोग हैरान रह गए।
सभी शिवलिंग लंका के अस्सी नाला के पास रोहित नगर कॉलोनी में मलबे में पड़े हुए मिले। खंडित शिवलिंगों के साथ अरघा और नंदी की भी कई मूर्तियां हैं। ये खबर आग की तरह फैली और देखते ही देखते वहां सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए। भीड़ के साथ विद्यामठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती भी मौके पर पहुंच गए। स्थानीय लोगों का आरोप है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है और उसी के तहत की गई तोड़-फोड़ में ये शिवलिंग खंडित हुए जिन्हें मलबे में फेंक दिया गया।
चश्मदीदों की मानें तो ये मलबा रात के वक्त ट्रैक्टर से यहां एक खाली प्लॉट में गिराया गया था। भीड़ का गुस्सा बढ़ा तो सियासत भी शुरू हो गई। पूर्व विधायक अजय राय ने मलबे में शिवलिंग फेंके जाने को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है। खंडित शिवलिंग मलबे में मिलने की खबर फैलते ही कई थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंची, जिन्हें स्थानीय लोगों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। कुछ लोग खंडित शिवलिंगों को माथे से लगा रहे थे तो कुछ शिवलिंग उठाकर घर ले जाने लगे। इस दौरान मलबे के पास ही पूजा पाठ भी शुरु हो गया।
बहरहाल पुलिस किसी तरह भीड़ को समझा बुझा कर खंडित शिवलिंग थाने ले गई और अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। खंडित शिवलिंग की संख्या कितनी है। इस पर पुलिस साफ साफ कुछ नहीं कह रही पर बताया जा रहा है कि शिवलिंग के 126 हिस्से थाने ले जाए गए हैं जबकि अभी और भी खंडित शिवलिंग मिलने की संभावना है। ये शिवलिंग मलबे में किसने फेंका इस बारे में भी पुलिस कुछ कहने से बच रही है। वहीं काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन का कहना है कि उसने कोई मंदिर नहीं तोड़ा है। बता दें कि विश्वनाथ कॉरोडोर में मरम्मत काम चल रहा है।
इसके तहत कॉरिडोर में 150 से ज्यादा भवनों की तोड़-फोड़ की जा रही है। मणिकर्णिका घाट से विश्वनाथ मंदिर तक गलियों को चौड़ा किया जा रहा है। भवनों के अंदर से अब तक 40 से ऊपर प्राचीन मंदिर मिल चुके हैं। 40 फीट चौड़े कॉरीडोर के लिए करीब 200 से ज्यादा भवनों को खरीदने का टारगेट है, पर जैसा कि मंदिर प्रशासन का दावा है कि अभी तक कोई मंदिर नहीं तोड़ा गया है तो फिर सवाल है कि ये शिवलिंग कहां से आए और किसने इन्हें मलबे में डाला।