काशी में चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री के दर्शन को उमड़ी भीड़
वाराणसी : नवरात्र के पहले दिन देवी मां के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रों में देश भर के मंदिर सजाए जाते हैं, जहां पूरे 9 दिन मां के सभी रूपों की पूजा की जाती है। इसी क्रम में धर्म की नगरी काशी के अलइपुरा इलाके स्थित देवी शैलपुत्री मंदिर में भक्तों की भीड़ है।
मंदिर के पुजारी ने बताया कि भगवती दुर्गा का पहला स्वरूप शैलपुत्री का है। हिमालय के यहां जन्म लेने से उन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। इनका वाहन वृषभ है। उनके दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल है। इन्हें पार्वती का स्वरूप भी माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इनके दर्शन मात्र से सभी वैवाहिक कष्ट दूर हो जाते हैं। मंदिर के महंत गजेंद्र गोस्वामी ने कहा कि मां शांत स्वरूप में हैं। एक हाथ में त्रिशूल तो दूसरे हाथ में कमल लिए हुई हैं और अपने हाथ से अमृत वर्षा करती हैं। मां अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं। यही वजह हैं कि भक्तों की भीड़ होती हैं। जिसकी वजह से यहां प्रशासन के लोगों की काफी जरूरत पड़ती है।
गौरतलब है कि दूर-दराज से श्रद्धालु देवी मां के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। भक्त मां शैलपुत्री से अपने परिवार की सुख-शांति की मन्नतें मांग रहे हैं। वहीं पुलिस प्रशासन द्वारा मंदिरों में सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं, ताकि किसी प्रकार की कोई अनहोनी घटना न हो पाए।