काशी विश्वनाथ मंदिर होगा सोने से सुसज्जित
एंजेंसी/ काशी के अधिपति बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह की दीवारें भी अब स्वर्ण मण्डित होने वाली हैं. मंदिर का शिखर पहले से ही स्वर्ण सुसज्जित है. मगर घिसने से कमजोर हो चुके बाबा के मूल स्वर्ण शिखर की नए सिरे से गोल्डन कोटिंग कराई जाएगी. इसके साथ ही गर्भ गृह की दीवार और शिखरों को भी स्वर्ण मण्डित कराने की योजना को हरी झंडी मिल गयी है.
जल्द हो जाएगा कोटिंग का काम शुरू
गर्भगृह की दीवारें के सोने का अतिरिक्त भार सहन करने की क्षमता को लेकर सेन्ट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) की अंतरिम रिपोर्ट आने के बाद गोल्डन कोटिंग पर काम शुरू किया जाएगा. वहीं यूपी के धर्मार्थ कार्य प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि विश्वनाथ मंदिर विश्व भर में प्रसिद्ध है.
उसको हमलोग आकर्षक औऱ भव्यस्वरूप बनाने का प्रयास कर रहे हैं. मंदिर के बाहरी हिस्से को स्वर्ण से सुसज्जित किया जाएगा और इसके लिए सेन्ट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रूड़की से अनुरोध किया गया है कि वो इसकी जांच कर बताए ताकि उसके बाहरी हिस्से और गर्भगृह को स्वर्ण से कवर करने का काम शुरू किया जा सके.
मंदिर के संरक्षण के लिए उठे कदम
प्रमुख सचिव धर्मार्थ कार्य नवनीत सहगल का कहना है कि काशी विश्वनाथ मंदिर बहुत प्राचीन और विश्व का प्रसिद्ध मंदिर है. इसके संरक्षण और विकास के लिए हम लोगों ने एक मास्टरप्लान बनाया है. उस मास्टरप्लान के हिसाब से जो वहां के आसपास के पुराने भवन खरीदे जा रहे हैं जहां पर अब कोई नहीं रहता.
इन घरों को तोड़कर एक सुन्दर खुला एरिया हो तैयार करवाया जाएगा. जिससे यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर बनवाया जाएगा.
हजारों भक्त रोज आते हैं दर्शन के लिए
काशी के अधिपति बाबा विश्वनाथ का मंदिर न सिर्फ भक्तों बल्कि काशी आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है. रोजाना हजारों की संख्या में भक्त मोक्ष की कामना से बाबा दर्शन और जलाभिषेक को आते हैं. जो जलाभिषेक करते हैं वो संतुष्टि पाते हैं और जो नहीं कर पाते वो बाबा के स्वर्ण शिखर के दर्शन कर खुद को कृतार्थ करते हैं.
इसलिए अब सरकार ने मंदिर के आकर्षण को और भी ज्यादा बढ़ाने के लिए घिस चुके स्वर्ण शिखरों के बदलाव के साथ ही बचे हुए बैकुंठ महादेव के शिखर को स्वर्ण मण्डित करने की योजना पर मोहर लगा दी. सूचना है कि अब इस योजना को पूरा करने मे सीबीआरआई की अंतरिम रिपोर्ट आ गई है और अब इसके मूर्त रूप की तैयारी जोरों पर है.