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कासगंज में 6 लोगों को भेजा गया जेल, धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप, जानें पूरा मामला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कासगंज के गंगपुर गांव में छह लोगों को पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने और आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। ये सभी दोस्त और दलित समुदाय से आते हैं। हालांकि इन्होंने एक ईसाई धर्म अपना लिया है। सभी एक जगह खाना खाने के लिए इकट्ठा हुए थे। इसके अगले दिन पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया।

एक भगवा संगठन द्वारा इस मामले में शिकायत की गई थी। उनका आरोप था कि गांव में धर्मांतरण हो रहा था और उन लोगों ने इसे रोकने की कोशिश की तो उनके ऊपर हमला किया गया। हालांकि पुलिस को जांच में कोई सबूत नहीं मिला कि जेल भेजे गए लोग प्रचारक थे।

इनकी पहचान श्रीनिवास, कुलदीप, राहुल कुमार, शिव कुमार, दुर्गेश और किशन के तौर पर हुई है जो रविवार दोपहर को रामपाल से मिलने आए थे। सभी की उम्र 30 से 50 साल की है।

हिंदू जागरण मंच के सदस्य अरविंद कुमार गुप्ता इनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने शिकायत की, ‘मुझे जानकारी मिली कि गंगपुर गांव में कुछ लोग हिंदू परिवारों को ईसाई बनाने की कोशिश कर रहे हैं। जब मैं वहां पहुंचा, तो मैंने देखा कि सात आदमी गांववालों के बीच पैसे और धार्मिक साहित्य बांट रहे हैं।’ अरविंद गुप्ता चाहते थे कि उन पर उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धार्मिक रूपांतरण निषेध अध्यादेश, 2020 के तहत केस दर्ज किया जाए।

वहीं पुलिस ने धर्मांतरण के इस मामले को खारिज किया है और कहा है कि अभी ऐसे कोई सबूत नहीं मिल हैं। पुलिस ने बताया कि वे लोगों का धर्म परिवर्तन नहीं करा रहे थे, वे सिर्फ एक दोस्त के घर खाना खा रहे थे। कासगंज के डीएसपी दीप कुमार पंत ने भी इस मामले में कहा कि पुलिस को कोई ऐसा सबूत नहीं मिला है कि पकड़े गए 6 लोग धर्म परिवर्तन में शामिल था।

हालांकि पुलिस ने गुप्ता की शिकायत पर आरोपियों पर अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस ने कहा कि धार्मिक भागवनाओं को आहत करने की धारा इसलिए लगाई गई है क्योंकि उन लोगों के पास से एक डायरी मिली है जिसमें हिंदू देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी थीं। डीएसपी पंत ने कहा, ‘इनमें से छह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है वहीं एक आरोपी किशन फरार है और उसकी तलाश जारी है।’

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