कासगंज साम्प्रदायिक हिंसा में हिंसा फ़ैलाने वालों पर कसा शिकंजा, 41 लोग हुए गिरफ्तार
कासगंज। गणतंत्र दिवस पर नौजवान चंदन को सरेआम गोली मार शहर को साम्प्रदायिक हिंसा की आग में झोंकने वाले आरोपी सलीम को जेल भेज दिया गया है। बवाल के सात दिन बाद जनजीवन सामान्य हुआ, बाजार खुले। मुस्लिम बहुल क्षेत्रोंं में भी दुकानें खुल गईं। स्कूलों में बच्चे पहुंचे। वहीं उपद्रव में अब तक 11 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं और 41 को जेल भेजा जा चुका है। शाम को एएमयू से आए प्रतिनिधिमंडल को कोतवाली से वापस भेज दिया गया।
गुरुवार को पुलिस और पीएसी के अलावा आरएएफ के जवान तैनात रहे। एहतियातन पेट्रोल पंपों पर दमकल तैनात रहीं और धाॢमक स्थलों पर संगीनों का साया रहा। सर्कुलर रोड पर सुबह कुछ मुस्लिम महिलाओं ने गिरफ्तारियों का विरोध करते हुए जाम लगा दिया, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने इसे खुलवा दिया। कोतवाली में दर्ज मुकदमों की जांच को गठित एसआइटी ने तमाम स्थानों का भ्रमण कर सीसीटीवी और अन्य सबूतों को जुटाने का काम किया।
आइजी डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि तिरंगा यात्रा के बाद बवाल, आगजनी और चंदन की हत्या के बाद से गुरुवार तक 11 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। पुलिस 41 आरोपियों को जेल भेज चुकी है, चिह्नित किए गए 17 आरोपी भी इनमें शामिल हैं। इसके अलावा शांति भंग में 81 अन्य को भी जेल भेजा गया है। चंदन के मुख्य हत्यारोपी सलीम को बुधवार शाम कोर्ट में पेश करने के बाद रात को जेल भेज दिया गया।
उसके दोनों भाई वसीम व नसीम, बड्डू नगर निवासी आसिफ कुरैशी उर्फ हिटलर की तलाश में दबिश दी जा रही हैं। हिटलर ही तिरंगा यात्रा के दौरान बड्डू नगर में बवाल करने में सबसे आगे था। इधर शासन कासगंज पर लगातार नजर बनाए है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारी आरपी सिंह से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हालात की जानकारी ली। साथ ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी स्थिति की समीक्षा की।
कासगंज जा रहे मौलाना तौकीर को रोका
कासगंज जा रहे आइएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को सिटी स्टेशन के पास पुलिस ने रोक लिया। उन्हें पुलिस लाइन ले जाया गया। वहां मौजूद अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर उन्हें वापस लौटना पड़ा। मौलाना तौकीर गुरुवार सुबह कासगंज जाने के लिए निकले। 11.30 बजे सिटी स्टेशन के सामने सीओ फस्र्ट व कोतवाली पुलिस ने उन्हें रोक लिया। जिस पर मौलाना ने कहा कि शांति सद्भाव के लिए कासगंज जा रहे हैं। इस पर पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कासगंज का माहौल अभी ठीक नहीं है। लिहाजा वहां नहीं जा सकते। पुलिस अधिकारी उन्हें पुलिस लाइन ले आए। वहां विरोध प्रदर्शित करते हुए मौलाना व उनके साथी धरने पर बैठ गए।
तौकीर बोले, तोगडिय़ा की सुरक्षा बढ़ाई जाए
पुलिस लाइन में मौलाना ने कासगंज के अलावा अन्य मामले भी उठाए। कहा कि विहिप नेता प्रवीण तोगडिय़ा की सुरक्षा बढ़ाई जाए। 2019 के चुनाव के मद्देनजर सांप्रदायिक ताकतें प्रवीण तोगडिय़ा को नुकसान पहुंचाने की फिराक में हैं ताकि इल्जाम मुसलमानों पर लगाया जा सके। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन वहां मौजूद अधिकारियों को सौंपा। ज्ञापन देने के बाद मौलाना तौकीर व उनके साथी लौट गए।
एएमयू के छात्र नेता ने लगाया गंभीर आरोप
कासगंज हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता को श्रद्धांजलि देने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) कैंपस में पुलिस ने छात्रों को मार्च नहीं निकालने दिया। छात्र नेता अजय सिंह को उनके एडीए स्थित आवास पर नजर बंद कर लिया। एएमयू इंतजामिया ने भी कैंपस में मार्च निकालने पर दस दिन तक रोक लगा दी है। इसके बाद ही पुलिस ने कार्रवाई की। भाजपा विधायक ठा. दलवीर सिंह के पौत्र व एएमयू में लॉ के छात्र अजय सिंह ने आरोप लगाया है कि एएमयू छात्रसंघ कासगंज हिंसा के आरोपी का बचाव कर रहा है।
छात्रसंघ का चुनाव लड़ चुके अजय सिंह ने बुधवार रात सोशल मीडिया के जरिये छात्रों को सूचित किया था कि गुरुवार शाम चार बजे कैंपस में कैंडिल मार्च निकाला जाएगा लेकिन अजय सिंह के आवास पर पुलिस का घेरा रहा। अजय ने चंदन गुप्ता के पोस्टर के साथ मार्च निकालकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन एसीएम को दिया। अजय सिंह ने आरोप लगाया कि एएमयू इंतजामिया छात्रसंघ के दबाव में काम कर रही है। छात्रसंघ ने मार्च निकाला तो प्रतिबंध नहीं लगाया। उन्होंने मार्च निकालने की बात कही तो प्रतिबंध लगा दिया। छात्रसंघ अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी ने हत्यारोपियों के बचाव करने संबंधी आरोप को निराधार बताया है।