किन्नौर हादसा: सड़क से 500 मीटर नीचे मिला बस का मलबा, निकले 5 शव, कुल 15 मौते
किन्नौर। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के किन्नौर में बुधवार को जो भयंकर लैंडस्लाइड (Kinnaur Landslide) के कारण हादसा हुआ, उसमें अबतक 15 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है। बीते दिन से ही कई एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन (Agencies Rescue Operation) में जुटी हैं। बस का मलबा भी मिल गया है, करीब 14 लोगों को बचाया गया है। सुबह तक बस के मलबे से 5 यात्रियों के शव बरामद किए जा चुके हैं।
बुधवार दोपहर को करीब 12 बजे जब ये हादसा हुआ तब किन्नौर जिले में निगुलसरी के पास सड़क से गुजर रहे कई वाहन इसकी चपेट में आ गए। पहाड़ से पत्थर गिरने के कारण मलबे में बस, कार, ट्रक दब गए। इसी मलबे के कारण बस गहराई में जा गिरी, लेकिन गनीमत की बात ये रही कि नीचे सतलुज नदी (Sutlej River) में जाने से बच गई। हालांकि, मलबे के नीचे दबी एक टाटा सुमो (Tata Sumo) गाड़ी में मौजूद सभी 8 लोगों की मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक, आईटीबीपी (ITBP) को गुरुवार तड़के ही बस का मलबा दिखाई पड़ा। ये सड़क से करीब 500 मीटर नीचे थे, लेकिन सतलुज नदी से करीब 200 मीटर ऊपर था। मलबे के पास से ही आईटीबीपी को एक शव भी बरामद हुआ था। अभी भी अन्य लोगों की तलाश की जा रही है, क्योंकि पहाड़ से पत्थर लगातार गिर रहे थे इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आई।
बता दें कि इस हादसे में एक ट्रक, एक राज्य रोडवेज बस और अन्य वाहन राज्य की राजधानी से लगभग 180 किलोमीटर दूर, निगुलसारी के पास शिमला-रिकांग पियो राजमार्ग पर 60 से 70 मीटर की दूरी के बीच हुए भूस्खलन में दब गए थे। आईटीबीपी के लिए मुश्किल ये भी है कि इलाका वास्तव में कठिन है। पत्थरों का गिरना एक बड़ी चिंता है और बचाव अभियान में इससे बाधा आ रही है।
आईटीबीपी के अलावा, स्थानीय अधिकारी, सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) बचाव कार्यों में शामिल हैं। दरअसल, हिमाचल सड़क परिवहन निगम की बस रिकांग पियो से शिमला होते हुए हरिद्वार जा रही थी। लापता बस यात्रियों के रिश्तेदारों ने उनके ठिकाने के बारे में जानने के लिए स्थानीय अधिकारियों से संपर्क किया है, ज्यादातर पीड़ित आसपास के गांवों के हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने हादसे पर दुख जताया है। साथ ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) को फोन कर राहत और बचाव कार्य की जानकारी ली है। पीएम मोदी ने हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। शाह ने भी आईटीबीपी के डीजी से बात कर मदद पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (JP Nadda) ने कहा है कि किन्नौर जिले में भूस्खलन बेहद परेशान करने वाला है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रभावित क्षेत्र में हरसंभव मदद करने के लिए कहा है।
बता दें कि किन्नौर में एक महीने से भी कम समय में यह दूसरी बड़ी प्राकृतिक आपदा है। इससे पहले हाल ही में जिले में आए एक भूस्खलन की वजह से नौ लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे। जिस वाहन में वे यात्रा कर रहे थे, उससे पहाड़ों से गिर रहे बड़े पत्थर टकरा गए थे।
यह मानसून राज्य के कांगड़ा जिले में भी बड़े भूस्खलन का कारण बना है, जिसमें 10 लोगों की जान चली गई है। सिरमौर जिले में हाल ही में बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन को कैप्चर करने वाले भयानक वीडियो इन दिनों वायरल हैं। 27-28 जुलाई को लाहौल-स्पीति जिले के ठंडे रेगिस्तान में असाधारण रूप से हुई भारी बारिश की वजह से सात लोगों की मौत हो गई थी।