किशोरवय के बच्चों में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ाता है स्मार्टफोन व कंप्यूटर
वॉशिंगटन : स्मार्टफोन और कंप्यूटर के लंबे समय तक इस्तेमाल से किशोरवय में खास कर लड़कियों में अवसाद व आत्महत्या की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलता है। अमेरिका की सैनडीएगो स्टेट यूनिवर्सिटी के जीन त्वेंग ने कहा किशोरवय में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े इन मुद्दों का बढ़ना बेहद खतरनाक है। त्वेंग ने कहा किशोर हमें बता रहे हैं कि वे संघर्ष कर रहे हैं और हमें इसे बहुत गंभीरता से लेना होगा। अनुसंधानकर्ताओं ने पांच लाख से ज्यादा किशोर लड़के और लड़कियों से मिली प्रश्नावली के डेटा का अध्ययन किया। उन्होंने पाया सन 2010 और सन 2015 के बीच 13 से 18 साल की लड़कियों की आत्महत्या की दर 65 प्रतिशत तक बढ़ गई है। इस सर्वेक्षण में सामने आया कि इनमें से ज्यादातर बच्चे फोन या कंप्यूटर के सहारे खाली समय काटते थे। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि प्रतिदिन पांच या उससे ज्यादा घंटे किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर बिताने वाले कुल बच्चों में से 48 प्रतिशत बच्चों ने आत्महत्या से जुड़े कम से कम एक काम को अंजाम दिया। यह अनुसंधान क्लिनिकल साइकॉलजिकल साइंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।