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किसने मजबूर किया संजय दत्‍त को मक्खी वाली दाल पीने के लिए?

sanjay-duttएंजेंसी/ बॉलीवुड के संजू बाबा ने अपने जेल में बिताए दिनों के कुछ पलों का खुलासा किया है, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. जेल की जिंदगी ने संजय दत्‍त को पूरी तरह बदल कर रख दिया है. अपनी जिंदगी और जेल के अनुभव को लेकर संजय दत्‍त ने ऐसे खुलासे किए हैं, जो किसी को भी झकझोर कर रख देगा. खासकर, संजय दत्‍त ने जब मीडिया को बताया कि कैसे उन्‍हें जेल के अंदर मक्‍खी वाली दाल पीने को मजबूर होना पड़ा और इस कठिन हालात में उसने कैसे खुद को संभाला.

अवैध हथियार रखने के मामले में टाडा कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के तहत संजय दत्त को 6 साल की सजा सुनाई गई थी.पिटीशन और क्यूरेटिव पिटीशन के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा कम कर 5 साल कर दी.संजय अब पूरी सजा काट चुके हैं. संजय पर इंडस्ट्री का बहुत सा पैसा लगा हुआ था. जो उनके जेल जाने की वजह से अटक गया था. अब एक बार फिर प्रोड्यूसर और फाइनेंसर खुश हैं.

टाडा के बारे में संजय ने कहा मुझे तो पता ही नहीं था ये टाडा होता क्या है. मैं मॉरीशस में शूटिंग कर रहा था, तभी मेरी बहन का फोन आया. उसने बताया कि तुम पर राइफल रखने का आरोप लगा है और मेरा जवाब था- ओ रियली. उसके बाद मुझे पापा का फोन आया और उन्होंने मुझे भारतीय दूतावास के अधिकारियों से मिलने को कहा. मैं वहां गया तो उन लोगों ने कहा कोई बात नहीं तुम शूटिंग खत्म करके आ जाओ.

शूटिंग खत्म करने के बाद जब मैं मुंबई पहुंचा तो देखा करीब 50,000 पुलिस वाले मेरी तरफ बंदूक ताने खड़े थे जैसे में ओसामा बिन लादेन हूं. दत्‍त ने बताया कि उन पुलिस वालों से मैंने कहा मुझसे गलती हुई, क्योंकि मैं कानून नहीं जानता था. मुझे माफ कर दो. पहली बार गलती हुई है मुझसे. अब ऐसा कभी नहीं होगा. मुझे लगा वो मुझे जाने देंगेए लेकिन ऐसा नहीं हुआ . थोड़ी ही देर में मुझे क्राइम ब्रांच लाया गया. देखते ही देखते मुझे मुंबई ब्लास्ट से जोड़ दिया गया. मुझ पर उसमें शामिल होने का आरोप था. मैंने उनको कहा कि मैं अपने ही शहर में कैसे ब्लास्ट कर सकता हूं. उन्होंने कहा जो कुछ भी हो हमें आपको गिरफ्तार करना पड़ेगा. मैं टूट सा गया था

जेल के बारे में बात करते हुए संजय ने बताया कि जब मैं जेल गया तो वो मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत कठिन समय था. मेरी बहनें मुझे राखी बांधने आती थीं तो मैं उन्हें राखी के बदले वो कूपन देता था जो मैंने जेल में काम करके जमा किया था.पुणे जेल की घटना के बारे में बताते हुए संजय ने कहा. वहां बहुत ज्यादा मक्खियां होती थीं आपके कपड़ों, बालों यहां तक की आपके खाने में भी. पहले मैं बहुत परेशान रहता था कि खाना कैसे खाउं वो खाने में भी गिर जाती थीं. बाद में मैं मक्खी निकाल कर दाल पी जाता था. मेरा साथ रहने वाला आदमी दाल नहीं पीता था. मैंने उसको बोला तू कब तक भूंखा रहेगा यार. तो उसने पूछा तू मक्खी वाली दाल कैसे पी जाता है. तो मैंने उसको बताया यहां प्रोटीन नहीं मिलता और दाल में प्रोटीन होता है.

ड्रग के बारे में बताते हुए संजय ने कहा कि ड्रग का सिलसिला मेरी जिंदगी में तब शुरू हुआ जब मैं 12 साल का था. मेरी आदत छुड़ाने के लिए पापा मुझे अमेरिका के नशा मुक्ति क्रेद्र ले गए थे. वहां डॉक्टर ने मुझे देखते ही बोला कि अगर तुमने ड्रग लेना बंद नहीं किया तो मर जाओगे. मुझे उसकी कोई परवाह नहीं थी पर मैंने अपने परिवार के लिए ये सब छोड़ दिया. संजय ने कहा कि अपने परिवार, दोस्तों और काम से प्यार करो ये किसी कोकीन से कम नहीं.

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