किसानों का ऋण माफ करने की घोषणा पर अधिकारियों ने कहा- कुछ दिन रुकिए जनाब
कर्नाटक की राजनीति नाटकीय रूप ले चुकी है। जोड़ तोड़ की राजनीति से अलग यहां की सत्ता अब कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की नाक का सवाल बन चुकी है। गुरुवार को रणनीति के तहत लिए गए शपथ ग्रहण समारोह में अकेले बीएस येदियुरप्पा ने ही शपथ ली और प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। आनन- फानन में कुर्सी संभालने के बाद येदियुरप्पा ने सबसे पहले किसानों के लोन माफ करने की बात कही। लेकिन उनका यह सपना उस समय टूट गया जब वित्त विभाग के बड़े अधिकारियों सहित मुख्य सचिव ने उन्हें कहा कि कुछ दिन तो रुकने की सलाह दे दी।
बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने तीसरी बार शपथ तो ली ही साथ ही पहले ही दिन वह एक्शन में नजर आए। शपथ के बाद उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक भी की और आम जनता से किए गए वायदों को पूरा करने में काफी सजग दिखे। कार्यभार संभालते ही अधिकारियों को बुलाकर कहा कि उन किसानों के लोन माफ कर दिए जाएं जिन्होंने एक लाख तक का बैंक से लोन लिया है।
ईश्वर व किसानों के नाम पर शपथ लेने के बाद मीडिया के सामने आए येदियुरप्पा ने किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की। कनार्टक के 25 वें मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद येदियुरप्पा ने कहा कि वह राज्यपाल वजूभाई वाला के बहुमत सिद्ध करने के लिए दिए गए 15 दिन के समय से पहले ही सदन में विश्वासमत हासिल कर लेंगे।
शपथ लेने के बाद जब येदियुरप्पा विधान सभा पहुंचे तो उन्होंने सभा के प्रवेश द्वार पर माथा टेका। वहीं मुख्य सचिव रत्ना प्रभा और कुछ करीबी अधिकारियों से छोटी लेकिन औपचारिक मीटिंग की। मीटिंग के बाद अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से किसानों के लोन माफ किए जाने के मामले में कुछ दिन का समय मांगा है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि तकनीकी वित्तीय मामलों को समझने और किसानों के लोन माफ करने की कार्रवाई करने के लिए हमें कुछ समय चाहिए। बता दें कि इससे पहले कि सिद्धारमैया सरकार ने भी किसानों के लोन माफ करने की घोषणा की थी। सिद्धारमैया ने 50,000 तक के लोन माफ करने की घोषणा की थी जो को-ऑपरेटिव बैंक से तो माफ हुए लेकिन राष्ट्रीय बैंकों से माफ करने से पहले काफी कार्रवाइयों से गुजरना पड़ेगा।