किसानों को मिले उनकी उपज का उचित मूल्य-नाईक
फार्मर फर्स्ट परियोजना का किया उद्घाटन
लखनऊ (ईएमएस)। राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि किसान मेहनत करता है फिर भी गरीब है। किसान के श्रम और लागत की उचित मूल्य प्राप्त नहीं होता है इसलिये उसकी आमदनी भी नहीं बढ़ती। किसानों को उन्नत बीज एवं प्रमाणित खाद्य एवं कीटनाशक दवाओं का उपलब्ध न होना, उत्पाद को बाजार तक पहुंचाने का उचित साधन न होना, भण्डारण की उचित व्यवस्था न होना, फसल का बाजार में उचित मूल्य न मिलना जैसे कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उत्पादन से लेकर मार्केटिंग तक के सुनियोजित उपाय खोजने की आवश्यकता है।
यह बात श्री नाईक मंगलवार को यहां केंद्रीय उपोषण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा द्वारा आयोजित फार्मर फर्स्ट परियोजना एवं कीटनाशकों के सुरक्षित एवं विवेकपूर्ण उपयोग पर किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद अपने सम्बोधन में कही। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक शैलेन्द्र जैन सहित कृषि वैज्ञानिक एवं बड़ी संख्या में फलपट्टी के किसान उपस्थित थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर संस्थान के कृषि साहित्य एवं अन्य प्रकाशनों का लोकार्पण भी किया।
अपने सम्बोधन में श्री नाईक ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक अपनी खोज और अद्यतन अनुसंधान को किसानों के खेत तक पहुंचाने का प्रयास करें। कृषि एवं बागवानी करने वाले किसान विज्ञान के आधार पर काम करें तो ज्यादा लाभ हो सकता है। नकली दवाओं और अप्रमाणित बीज से सावधान करने में वैज्ञानिक किसानों का सहयोग करें। फलपट्टी के किसानों द्वारा बिजली की समुचित आपूर्ति, बाजार तक पहुंचने के साधन एवं उत्पादों को अन्य जगह पहुंचाने में रेल सुविधा की मांग पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में केन्द्र और राज्य सरकार तथा रेल मंत्रालय से बात करके उचित सुविधा दिलाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी सरकार की योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें।