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किसान कर्ज माफी में जेटली बोले, केंद्र माफ नहीं करेगा लोन

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के किसानों से चुनावी वादा पूरा करने के दबाव योगी सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार पर बढ़ता जा रहा है| इसी बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को केंद्र सरकार की ओर से किसानों का कर्ज माफ किए जाने की संभावना से इनकार कर दिया| उन्होंने कहा कि राज्य अगर किसानों के कर्ज माफ करते हैं तो उन्हें खुद इसका खर्च उठाना पड़ेगा. वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार ऐसा नहीं कर सकती कि एक राज्य के किसानों को कर्ज माफी दे और दूसरे को नहीं|

किसान कर्ज माफी में जेटली बोले, केंद्र माफ नहीं करेगा लोन

जेटली ने राज्यसभा में कहा, ‘यह मुद्दा कई राज्यों में उठ रहा है| खेती के लिए केंद्र सरकार की अपनी नीतियां है| हम ब्याज में सब्सिडी और दूसरी तरह की मदद देते हैं| ये योजनाएं अभी जारी रहेंगी| अगर किसी राज्य सरकार के पास पैसे हैं और वह कर्ज माफ करना चाहती है तो ऐसा कर सकती है|’

वित्त मंत्री अरुण जेटली का बयान केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के उस बयान के ठीक उलट है जिसमें उन्होंने यूपी के किसानों का कर्ज माफ करने की बात कही थी| कृषि मंत्री ने कहा था कि कर्ज माफी के पैसे केंद्र देगा. गौरतलब यह भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश चुनाव में किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि योगी कैबिनेट की पहली बैठक में किसानों का कर्ज माफ कर देने पर फैसला लिया जाएगा. बीजेपी के चुनाव घोषणा पत्र में भी इसका जिक्र था|

इसके बाद कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में कर्ज माफी के पैसे केंद्र सरकार देगी. हालांकि विपक्ष ने इस पर काफी हंगामा किया था. विपक्ष का कहना था कि केंद्र सरकार सिर्फ एक राज्य के लिए ऐसा कैसे कर सकती है. उसे देशभर के किसानों के कर्ज माफ करने चाहिए| उधर, किसान कर्ज माफी का विरोध करने वालों में रिजर्व बैंक भी शामिल हो गया है. रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एस.एस. मूंदड़ा ने कहा है कि इससे कर्ज लेने और देने वाले के बीच अनुशासन बिगड़ता है. हालांकि उन्होंने साफ किया कि यह रिजर्व बैंक का रुख नहीं है. सरकार की तरफ से भी इस बारे में कोई सूचना नहीं मिली है|

मूंदड़ा ने यह जरूर कहा कि आरबीआई पारंपरिक रूप से किसान कर्ज माफी के खिलाफ रहा है. उन्होंने कहा, ज्यादा जरूरी यह देखना है कि कर्ज माफी की जरूरत है या नहीं. अगर है तो उसका तरीका क्या होना चाहिए. इससे पहले देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने भी किसान कर्ज माफ किए जाने पर आपत्ति जताई थी|

 

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