किसी जाति-धर्म का नहीं बल्कि निरोगी काया देने का सरल अभ्यास है योग
लखनऊ : योग किसी धर्म का नहीं, किसी जाति का नहीं बल्कि ये सम्पूर्ण मानवता को एक स्वस्थ और निरोगी काया देने का सरल अभ्यास है। जो लोग योग में सूर्य नमस्कार को केवल हिन्दुओं का बताकर इसका विरोध जता रहे हैं। उन्हें ये भी बताना चाहिये कि क्या सूर्य एक ही सम्प्रदाय को ऊर्जा देता है।
देश को जोड़ता है योग
योग सभी धर्म, सम्प्रदाय और देश को जोड़ता है। भारत ने दुनिया को हजारों साल पहले संस्कृत, आयुर्वेद, परिवार पद्धति और योग दिया है। बीजेपी नेता कुंवर सैयद इकबाल हैदर ने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के प्रयास से योग के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक दिन निर्धारित हो सका। जिससे पूरी दुनिया में योग का डंका बजा है और विदेशों में बड़े स्तर पर लोग योग को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार में ॐ शब्द के उच्चारण को लेकर अकारण विरोध हो रहा है। लोग इसे हिन्दू धर्म से जोड़ रहे हैं और योग न करने की सलाह दे रहे हैं जोकि सरासर गलत है। ॐ शब्द हमारी प्राणवायु को बढ़ाता है। ॐ शब्द के उच्चारण से हमें ऑक्सीजन प्राप्त होता है। ॐ शब्द के मात्र ध्वनि उच्चारण से तन और मन को शांति और शक्ति प्राप्त होती है।
मुसलमानों भाइयों को भी योग में लेना चाहिए बढ़-चढ़कर हिस्सा
बीजेपी नेता कुंवर सैयद इकबाल हैदर ने कहा कि जब ईश्वर एक है तो उसे अल्लाह कहो, ईश्वर कहो, फिर चाहे रब कहो। क्या फर्क पड़ता है। सभी मुसलमान भाइयों को योग में निसंकोच बिना किसी सोच विचार के बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए। ॐ के लिए योग का परित्याग करना गलत है। योग पद्धति से ना जाने कितनों की जान बची है। योग जीवन का आधार है इसलिए विदेशों में आज से नहीं वर्षों से लोग योग कर रहे हैं। न्यूयार्क के टाइम्स स्क्वायर में एक संस्था पिछले 10 से 12 साल से सूर्य नमस्कार का आयोजन कराती है। जब इसकी शुरुआत हुई थी तब पत्रकारों ने ये सवाल किया था कि सूर्य नमस्कार भारतीय और हिंदुओं का है। तो संस्था की ओर से इसका आयोजन क्यों कराया जा रहा है।
हर मनुष्य कर सकता है सूर्य नमस्कार
उन्होंने कहा कि इसके जवाब में आयोजकों ने कहा कि सूर्य से गर्मी और ऊर्जा सिर्फ हिन्दू ही प्राप्त नहीं करते। इसलिए सूर्य से गर्मी और ऊर्जा प्राप्त करने वाला हर आदमी सूर्य नमस्कार कर सकता है। ये मनुष्य के मन, बुद्धि, आत्मा, शरीर के विकास के लिए आवश्यक है। इसके अलावा वैज्ञानिक दृष्टि से भी ये साबित हुआ है कि सूर्य नमस्कार में कोई उपासना नही है लेकिन कुछ लोगों की ओर से अकारण विरोध जताया जा रहा है और समाज को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
मुसलिम धर्मगुरु कर रहे योग का विरोध
भाजपा नेता ने कहा कि भारत में जो मुसलमान धर्मगुरु योग का विरोध कर रहे हैं। उनको ये पता होना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव आम सहमति से पारित हुआ था। किसी देश ने इसका विरोध नहीं किया जबकि दूसरे धर्मों की बहुतायत वाले देशों ने भी इसका समर्थन किया था। जिन 177 देशों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है, उनमें से 47 तो मुस्लिम देश है। इसलिए योग को किसी धर्म, सम्प्रदाय से जोड़कर न देखते हुए समाज के कल्याण के लिए इसे अपनाना चाहिए।