भाजपा सांसद कीर्ति आज़ाद के अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर कथित भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाने के मामले में अब एक और नया मोड़ आ सकता है।
संभावना जताई जा रही है कि भाजपा आलाकमान अपने वरिष्ठ नेता के अपमान के हवाला देते हुए सांसद कीर्ति आज़ाद पर अनुशासनात्मक कार्यवाही कर सकता है।
माना जा रहा है कि पार्टी ने आज़ाद को निलंबित किये जाने का मन भी बना लिया है और जल्द ही इसकी औपचारिकताएं पूरी कर ली जायेगी।
संभावना जताई जा रही है कि मौजूदा शीतकालीन सत्र के बाद भाजपा आलाकमान आज़ाद को निलंबित करने की कार्यवाही कर सकती है।
सांसद कीर्ति आज़ाद ने डीडीसीए में हुए कथित घोटाले को लेकर संस्था के अध्यक्ष पद पर रहे मौजूदा केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की कार्यशैली को कटघरे में रखा था और उन्हें इसका मुख्य सूत्रधार बताया था।
सूत्रों की माने तो भाजपा सांसद कीर्ति आज़ाद पर अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता पर संगीन आरोप लगाना अपमान की श्रेणी में आ सकता है जिसपर पार्टी उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कदम उठा सकता है।
भाजपा से जुड़े सूत्रों की माने तो कीर्ति आज़ाद को संसद के ख़त्म हो रहे शीतकालीन सत्र के ठीक बाद नोटिस जारी हो सकता है। जिसके बाद उनपर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के सम्बन्ध में निलंबिन की जा सकेगी।
हालांकि डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार मामले में कीर्ति आज़ाद पहले ही कह चुके हैं कि वे डीडीसीए मामले को पिछले आठ साल से उठा रहे हैं और उनका आप पार्टी के अरुण जेटली पर लगाए गए आरोपों से कोई लेना देना नहीं है।
कीर्ति आज़ाद उस बात पर भी हैरानी जाता चुके है कि जेटली ने आप पार्टी नेताओं के खिलाफ मानहानि के दावे किये है और उनपर नहीं।
आज़ाद ने कहा है कि उनका मकसद डीडीसीए में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करना है ना कि पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता पर व्यक्तिगत आरोप लगाने का है।