कुंभनगरी में गंगा पूजन कर VHP ने लिया राम मंदिर निर्माण का संकल्प
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने आज कुंभ में गंगा पूजन किया. वीएचपी के पदाधिकारी और साधु-संतों ने संगम के एरावत गेट के पास हवन पूजन किया. इसमें मंदिर निर्माण का संकल्प लिया गया. स्वामी हंसदेवाचार्य ने कहा 1 करोड़ लोग 13 करोड़ राम नाम का जपकर राम मंदिर का मार्ग प्रशस्त्र करेंगे. श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं राम मंदिर के मुख्य पक्षकर डॉ. स्वामी राम विलास वेदांती ने कहा राम मंदिर बनाने के लिए सरकार पर भरोसा है. मंदिर बीजेपी ही बनवाएगी.
वहीं महंत नृत्यगोपालदास महाराज ने वीएचपी की धर्मसंसद में मचे हंगामे को लेकर कहा कहा कि वहां पर कोई हंगामा नहीं हुआ था.साधु संत नाराज नहीं हैं. उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद की धर्मसंसद में कोई राजनीति नहीं हो रही थी. मैं भी वहां था कोई विरोध नहीं हुआ. मोदी और योगी के राज में ही राम मंदिर बनेगा. जब सही समय आएगा तो मंदिर बनेगा.
इस बीच वीएचपी और आरएसएस द्वारा मंदिर मुद्दे पर बैकफुट पर चले जाने से नाराज साधु-संत आज मन की बात करेंगे. साधु-संतों का ये कार्यक्रम दोपहर 2 बजे से होगा.
इससे पहले शंकराचार्य के परम धर्मसंसद के बाद शुक्रवार को प्रयागराज में वीएचपी की धर्मसंसद से भी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की किसी तारीख का ऐलान नहीं हुआ. इससे वहां मौजूद कई साधुओं और लोगों ने हंगामा किया. हालांकि संघ प्रमुख ने सरकार को सावधान करते हुए कहा कि हम मन वचन और कर्म से मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर ही बनेगा और संघ इसके लिए अपनी पूरी ताकत लगा देगा.
वीएचपी की धर्मसंसद में हंगामा
प्रयागराज के कुंभ में विश्व हिंदू परिषद का धर्मसंसद शुक्रवार को समाप्त हो गया. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर प्रस्ताव तो पढ़ा गया लेकिन उससे पहले संत मुनियों के प्रवचन के दौरान ही भक्तों को एक तबका भड़क उठा. सवाल सिर्फ एक है कि राम मंदिर निर्माण कब होगा. वीएचपी धर्मसंसद के प्रस्ताव में राम मंदिर निर्माण के लिए कोई ठोस नीति और तारीख नहीं दिखी. लेकिन संघ प्रमुख ने इशारों में ही सही मोदी सरकार को सावधान जरूर किया.
बता दें कि मोहन भागवत के बयानों को इन दिनों काफी तवज्जों दी जाती है, लेकिन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि सरकार और संघ दोनों से नाराज हैं. वो साफतौर पर कह चुके हैं कि मंदिर निर्माण ना संघ से होगा, ना सरकार से होगा.
वीएचपी की धर्मसंसद में केंद्र सरकार की तरफ से अयोध्या में गैर विवादित जमीन के लिए कोर्ट में लगाई अर्जी का स्वागत किया गया, हालांकि मंदिर निर्माण में देरी पर सरकार के खिलाफ गुस्से को स्वाभाविक भी बताया गया लेकिन मोदी सरकार के बिना भी मंदिर का निर्माण संभव नहीं है. ये भी समझाया गया.
21 फरवरी को अयोध्या में शिलान्यास
कुंभ में दो धर्मसंसद शुरु होकर खत्म हो गए. शंकराचार्य के परम धर्मसंसद ने 21 फरवरी को अयोध्या में शिलान्यास की तारीख तय की तो वीएचपी की धर्मसंसद में प्रण है लेकिन तारीख नहीं. फिलहाल मंदिर मस्जिद विवाद के हल के लिए सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का ही इंतजार है.
4 मार्च के बाद सांधु -संत के साथ अयोध्या जाएंगे महंत नरेंद्र गिरी
वीएचपी के धर्मसंसद पर हमला बोलते हुए महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि ये धर्म संसद नहीं, राजनीति है. उन्होंने कहा कि वह 4 मार्च के बाद साधु-संतों के साथ अयोध्या जाएंगे और मुस्लिम पक्षकारों से राम मंदिर मसले पर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि हम मुस्लिम पक्षकारों से कहेंगे कि वे मस्जिद की जिद छोड़ दें. गिरी ने कहा कि सरकार अब मंदिर नहीं बना सकती. अब साधु ही मंदिर बनाएंगे.