लखनऊ : मच्छरों और कीट पतंगों से बचाव ले लिए प्राकृतिक निरोधक का प्रयोग सुरक्षित माना जाता है। मच्छरों और अन्य कीटों से त्वचा को काफी नुकसान होता है। मच्छरों के काटने से जानलेवा बीमारी हो सकती है, वहीं दूसरी तरफ कुछ कीटाणु और पतंगे ऐसे हैं जो त्वचा में जलन और संक्रमण फैला सकते हैं। ऐसे में कटनीप को नेपेटा नाम से भी जाना जाता है, यह ऐसा हर्ब्स है जो बाजार में मिलने वाले निरोधकों से लगभग 8 गुना अधिक प्रभावशाली है। आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी ने इस पर शोध भी किया है। बाहर निकलने से पहले इसे त्वचा पर लगाकर निकलें। सिट्रोनेला तेल त्वचा को मच्छरों और अन्य कीटों से बचाता है। हालांकि यह कटनीप की तुलना में अधिक प्रभावशाली नहीं है लेकिन यह भी एक अच्छा विकल्प है।लहसुन न केवल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है बल्कि इसका प्रयोग त्वचा पर करने से कीट और पतंगे भी दूर रहते हैं। लहसुन की खुश्बू मच्छर बर्दाश्त नहीं कर पाते, इसलिए यह भी एक अच्छा प्राकृतिक निरोधक है। लैवेंडर का तेल बहुत ही सुगंधित होता है, आम तौर पर मच्छरों और कीटों से बचाने वाला बहुत ही अच्छा निरोधक है। बादाम और नारियल तेल की तुलना में यह बहुत पतला है। इसे त्वचा पर लगाने से कीट त्वचा से दूर रहते हैं।
कटनीप, लेवेंडर, नीम, सिट्रोनेला, काली मिर्च की 6-6 बूंदे लेकर मिला लें, इनसे लगभग 30 मिली का कुदरती निरोधक माइश्चरॉइजर बन जायेगा। इन घोल को सीसे के जार में रखें और घर से बाहर निकलने से पहले इसका प्रयोग करें। मच्छरों से बचाने में यह उपाय काफी मदद करते हैं। इतना ही नहीं इनका उपयोग कर आप मच्छरों से होने वाली बीमारियों जैसे मलेरिया और डेंगू से भी बचे रह सकते हैं।
नीम बहुत ही गुणों वाला पौधा है और इसका तेल मच्छरों और कीटों के लिए अभिशाप की तरह है, नीम के बीजों से तेल निकाला जाता है। यूएस नेशनल रिसर्च काउंसिल ने इसे बहुत प्रभावशाली माना है। भारत में मलेरिया संस्थान के वैज्ञानिकों ने भी मलेरिया से बचाव के लिए नीम के तेल को लगाने की सलाह ही है। एक शोध में सोया तेल को मच्छरों और संक्रमण फैलाने वाले कीटों से बचाने के लिए एक उपयोगी औषधि माना है। सोया तेल बहुत ही आसानी से उपलब्ध हो जाता है, यह त्वचा के लिए बहुत ही अच्छा माइश्चरॉइजर है। इसलिए त्वचा को संक्रमण से बचाने के लिए सोया तेल का प्रयोग करें।