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कुलभूषण जाधव मामले में अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट 18 फरवरी से करेगा सुनवाई

नई दिल्ली। अप्रैल में पिछले साल पकिस्तान ने हमारे एक नौसेना अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया था और उस पर जासूसी का झूठा आरोप लगा कर फांसी की सजा सुना दी थी। मगर इस मामले को भारत ने अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में उठाया था जिसकी सुनवाई 18 फरवरी 2019 को शुरू होगी। पाक द्वारा पकडे गए भारत के नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की एक मिलिटरी अदालत ने पिछले साल अप्रैल में कथित तौर पर जासूसी के मामले में फांसी की सजा सुना रखी है। भारत की तरफ से इस मामले को उठाने के बाद आईसीजे ने कुलभूषण की सजा पर रोक लगा रखी है। भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव मामले में संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में सुनवाई 18 फरवरी 2019 को शुरू होगी। आईसीजे ने इसको लेकर बयान जारी किया है जिसमें बताया गया है कि यह सुनवाई द हेग के पीस पैलेस में 18 से 21 फरवरी 2019 को होगी। भारत की तरफ से इस मामले को उठाने के बाद आईसीजे ने कुलभूषण की सजा पर रोक लगा रखी है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने कुलभूषण जाधव को मार्च 2016 में बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। पाकिस्तान का कहना है कि कुलभूषण ईरान से पाकिस्तान में घुसे थे। भारत ने इन सारे दावों को खारिज किया है। पिछले साल मई में भारत की तरफ से इस मामले को आईसीजे के मंच पर उठाया गया था। वहां कुलभूषण की फांसी के फैसले का विरोध किया गया था। आईसीजे ने बताया कि 18 फरवरी से होने वाली सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी और यह अंग्रेजी और फ्रेंच भाषा में उपलब्ध रहेगी। लाइव स्ट्रीमिंग आईसीजे की वेबसाइट और संयुक्त राष्ट्र के ऑनलाइन टेलीविजन पर होगी। आईसीजे की 10 सदस्यीय बेंच ने सुनवाई पूरी होने तक पाकिस्तान की अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी। इसी साल 23 जनवरी को आईसीजे ने भारत और पाकिस्तान को अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। लिखित जवाब में भारत ने कहा था कि पाकिस्तान ने जाधव को काउंसलर ना देकर विएना संधि का उल्लंघन किया। उधर पाकिस्तान ने अपने जवाब में कहा था कि जब इस बात से इनकार नहीं कर रहा है कि जाधव मुस्लिम नाम से बने पासपोर्ट पर ट्रैवल कर रहा है, तो केस का आधार ही नहीं है। भारत ये नहीं बता पा रहा है कि नेवी अफसर कैसे एक नेवी अफसर काल्पनिक नाम से यात्रा कर रहा था। पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसके सुरक्षा बलों ने मार्च 2016 में कुलभूषण जाधव को बलूचिस्तान से पकड़ा था। वह यहां ईरान से दाखिल हुआ था। पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट से कहा था कि जाधव की मंशा जासूसी और विध्वंसक गतिविधियां करने की थीं। भारत ने आईसीजे से कहा था कि कुलभूषण के मामले में पाकिस्तान में एकतरफा सुनवाई की गई और उन्हें कानूनी मदद भी नहीं मिली। जाधव व्यापार के लिए ईरान गए थे और वहां से उनका अपहरण किया गया था।

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